Sambhal Violence: उत्तर प्रदेश के संभल में रविवार को जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई, जिसमें पत्थरबाजी और आगजनी की घटना में चार लोगों की मौत हो गई और करीब 20 लोग घायल हो गए। इस मामले में पुलिस ने 25 लोगों को गिरफ्तार किया है। अब इस केस से जुड़ी एफआईआर की कॉपी सामने आई है, जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं।

पुलिस पर जानलेवा हमला

एफआईआर के अनुसार, रविवार को नखासा चौक पर लगभग 150-200 लोगों की भीड़ ने दोपहर करीब साढ़े 12 बजे पहले सीसीटीवी कैमरे तोड़े। इसके बाद, भीड़ ने हॉकी, डंडों और पत्थरों से पुलिस पर जानलेवा हमला किया। हिंसक भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया। एफआईआर में दंगाइयों के नाम भी दर्ज किए गए हैं, जिनमें गुलबदीन, सुल्तान, हसन, मुन्ना पुत्र जब्बार, फैजान, समद आदि शामिल हैं।

नकाबपोश भीड़ ने लूटी पुलिस की पिस्टल

एफआईआर में बताया गया है कि नकाबपोश भीड़ ने पुलिस से हथियार लूटने की कोशिश की, जिसमें पिस्टल, टियर स्मोग बैग, कारतूस का बैग और अन्य उपकरण शामिल थे। इस दौरान, दंगाइयों ने पुलिसकर्मियों से हथियार छीनने के नारे लगाए। भीड़ ने पुलिस वालों को मार डालने और आग लगाने की धमकी भी दी। एफआईआर में यह भी उल्लेख किया गया है कि पुलिस से छीने गए हथियारों का इस्तेमाल फायरिंग करने में किया गया।

भीड़ ने किया पथराव और हिंसक हमले

एफआईआर में यह भी बताया गया है कि लगभग 8:45 बजे, 800 से 900 लोग जामा मस्जिद के पास एकत्र हुए थे। नारेबाजी के बाद, भीड़ ने अचानक पत्थरबाजी शुरू कर दी। पुलिस ने स्थिति को शांत करने की कोशिश की, लेकिन स्थिति और बिगड़ गई। देखते ही देखते, भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया और इलाके में तनाव फैल गया।

दुकानों और घरों के दरवाजे बंद

घटना के दौरान, इलाके में खौफ का माहौल था। लोग अपनी दुकानों और घरों के दरवाजे बंद कर रहे थे। इसके बाद पुलिस ने अतिरिक्त बल मंगवाया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हल्के बल का प्रयोग किया। अब पुलिस मामले की जांच में जुटी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा रही है।

800 लोगों के खिलाफ केस दर्ज

बता दें कि इस मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क और सपा विधायक के पुत्र सुहैल इकबाल को नामजद करते हुए 800 अज्ञात लोगों के खिलाफ हिंसा और पत्थरबाजी की घटना में मुकदमा दर्ज हुआ है। इसके साथ ही, एसडीएम रमेश बाबू के पैर में फैक्चर हो गया था, और उन्होंने भी 800 लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। यह मुकदमा जामा मस्जिद के पास हुई हिंसा के बाद दर्ज किया गया, जिसमें पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों पर जानलेवा हमले और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप है।

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