DPS School Rape Case. उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) में 3.5 वर्षीय बच्ची के साथ हुए रेप के जघन्य मामले में जिला न्यायालय ने सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। विशेष पॉक्सो अदालत ने आरोपी चंडीदास को दोषी ठहराते हुए उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके अलावा, अदालत ने आरोपी पर 24,000 का जुर्माना भी लगाया है। अगर आरोपी यह जुर्माना नहीं भरता है, तो उसे 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी।

स्कूल प्रशासन की लापरवाही पर कार्रवाई

अदालत ने इस मामले में स्कूल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया है और डीपीएस सोसाइटी को ₹10 लाख का मुआवजा पीड़िता के परिवार को देने का आदेश दिया है। यह राशि एक माह के भीतर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में जमा कराई जाएगी, और मुआवजा योजना के तहत पीड़िता को हस्तांतरित की जाएगी।

6 साल बाद बच्ची को मिला न्याय

यह मामला 2018 में दर्ज हुआ था, जब सूरजपुर कोतवाली में चंडीदास के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। करीब छह साल चली लंबी सुनवाई के बाद, 12 गवाहों के बयान के आधार पर विशेष न्यायाधीश विजय कुमार हिमांशु की अदालत ने आरोपी को दोषी ठहराया। आरोपी के खिलाफ आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की तीन धाराओं के तहत दोषी करार दिया गया। इनमें धारा 376 (12 साल से कम आयु की बच्ची से बलात्कार), पॉक्सो धारा 6 (गंभीर यौन हमला), और पॉक्सो धारा 10 (शैक्षणिक संस्थान में यौन हिंसा) शामिल थीं।

अदालत का सख्त संदेश

सजा के तहत, आरोपी को धारा 376 और पॉक्सो धारा 6 के तहत आजीवन कारावास की सजा दी गई है, साथ ही 10,000 और 12,000 का जुर्माना लगाया गया है। वहीं, पॉक्सो धारा 10 के तहत आरोपी को 7 वर्ष की कैद और 2,000 का जुर्माना भुगतना होगा।

विशेष लोक अभियोजक चवनपाल भाटी ने अदालत में तर्क दिया कि यह अपराध स्कूल परिसर में हुआ, जहां बच्चों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए थी। उन्होंने कहा कि यह घटना पीड़िता के जीवन पर स्थायी आघात छोड़ गई है और अगर आरोपी को सख्त सजा नहीं दी जाती तो यह समाज में गलत संदेश भेजेगा।

फैसले का महत्व

अदालत का यह फैसला न केवल पीड़िता के परिवार के लिए न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, बल्कि पूरे समाज के लिए भी यह एक सख्त संदेश है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना बेहद जरूरी है। इस फैसले से यह साफ संदेश गया है कि बच्चों के खिलाफ कोई भी अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और ऐसे अपराधियों के खिलाफ कड़ी सजा दी जाएगी।

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