उत्तर प्रदेश सरकार के कई महत्वपूर्ण विभागों ने इस वित्तीय वर्ष में निर्धारित बजट का एक चौथाई भी नहीं खर्च किया है। खासकर सड़क, शहर और स्वास्थ्य विभागों ने बजट खर्च करने में खासा पीछे रहे हैं। इस स्थिति में, प्रदेश सरकार को अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए आगामी पांच महीनों में 60 प्रतिशत बजट खर्च करना होगा।

वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए राज्य सरकार ने आम जनता के कल्याण के लिए भारी भरकम बजट आवंटित किया था। हालांकि, इन विभागों का प्रदर्शन बजट खर्च के मामले में बेहद कमजोर रहा है। प्रदेश में अब तक इस वित्तीय वर्ष के सात महीने पूरे हो चुके हैं, और कुछ विभागों ने अपने कोटे का महज 20 प्रतिशत बजट ही खर्च किया है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस स्थिति पर चिंता जताते हुए संबंधित विभागीय मंत्रियों को इस मुद्दे की समीक्षा करने और जल्द ही बजट खर्च को बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि इस वित्तीय वर्ष का कुल बजट 7.82 लाख करोड़ रुपये रखा गया है, जो राज्य के विकास और जनता की भलाई के लिए आवंटित किया गया था। अब सवाल यह उठता है कि क्या सरकार के लिए निर्धारित लक्ष्य को पूरा करना संभव होगा, खासकर जब कुछ महत्वपूर्ण विभाग अपनी योजनाओं को समय पर लागू करने में विफल हो रहे हैं।

सरकारी सूत्रों का कहना है कि विभागों को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाने और बजट का सही तरीके से उपयोग करने के लिए जल्द ही एक्शन लिया जाएगा।

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