Allahabad High Court. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार और सरकारी निगमों द्वारा वकीलों की नियुक्ति में पारिवारिक और राजनीतिक प्रभाव को तरजीह दिए जाने को लेकर गहरी चिंता जताई है। कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार या सरकारी निगमों के लिए वकील नियुक्त करते वक्त युवा वकीलों को सिर्फ उनकी योग्यता और विद्वता के आधार पर मौका मिलना चाहिए, न कि उनके राजनीतिक संबंधों या प्रभावशाली परिवारों से जुड़े होने के कारण।

न्यायालय की सख्त टिप्पणी

हाईकोर्ट ने इस पर अपनी नाराज़गी जाहिर करते हुए कहा कि राजनीतिक रूप से अच्छे संपर्कों वाले या प्रभावशाली परिवारों से जुड़े युवा वकील अक्सर अवसरों से वंचित रहते हैं, जबकि कई बार उनके पास ज्ञान और योग्यता की कमी नहीं होती। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि इस प्रकार की नियुक्तियों में केवल पारिवारिक या राजनीतिक प्रभाव को प्राथमिकता देना न केवल गलत है, बल्कि यह युवा वकीलों के साथ भेदभाव करने जैसा है।

समान अवसर का महत्व

हाईकोर्ट ने जोर देकर कहा कि वकीलों को समान अवसर मिलना चाहिए, ताकि वे अपनी क्षमता के आधार पर सरकारी नियुक्तियों में स्थान प्राप्त कर सकें। यह टिप्पणी उस समय आई जब एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह मुद्दा उठाया कि कुछ वकील योग्यता के बावजूद केवल राजनीतिक संपर्कों के अभाव में महत्वपूर्ण सरकारी नियुक्तियों से वंचित रह जाते हैं।

कोर्ट ने यह भी कहा कि यह संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है और समानता की अवधारणा का भी उल्लंघन करता है, जिस पर संविधान में विशेष रूप से जोर दिया गया है।

सभी वकीलों के लिए अवसर की समानता

हाईकोर्ट ने न्यायपालिका और अन्य सरकारी निकायों से अपील की कि वे वकीलों के चयन में केवल उनके कार्यक्षमता और विद्वता को प्राथमिकता दें, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर युवा वकील को समान अवसर मिले, भले ही वह राजनीतिक रूप से जुड़ा हुआ हो या नहीं।

Pooja Pal को सपा ने निकाला तो सुनिए क्या बोले कौशांबी के लोग ! | Akhilesh yadav | Cm Yogi | UP |

शेयर करना
Exit mobile version