World First Country With No Stray Dogs: आवारा कुत्तों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया…सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद से कई स्ट्रीट डॉग लवर उन्हें बचाने के लिए आगे आ गए और सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध शुरु कर दिया….दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों को शेल्टर होम भेजने का आदेश दिया था… इस आदेश को लेकर लोग दो हिस्सों में बंट गए. एक पक्ष का कहना है कि यह कुत्तों के काटने की बढ़ती घटनाओं के बीच अच्छा कदम है. वहीं कुछ लोग इसे अत्याचार बताने लगे….अब हम आपको इसी में एक देश के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर उसने बहुत पहले की स्ट्रीट डॉग्स को न कर दिया था….

जी हां दुनिया में एक ऐसा देश हैं जहां पर स्ट्रीट डॉग को नो एंट्री का टैग लग गया है…चलिए अब बता देंते हैं कि किनके बारे में हम बात कर रहे है….

बता दें कि नीदरलैंड कभी कुत्तों को समृद्धि का प्रतीक मानता था..धनी परिवारों में कुत्तों को पालने की परंपरा रही थी लेकिन 19वीं सदी में अचानक से रेबीज के मामलों में तेजी से वृद्धि होने लगी और लोग अपने पालतू कुत्तों को सड़कों पर छोड़ने लगे..इसके बाद आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ती चली गई. शुरुआती दौर में कुछ कुत्तों का कत्लेआम किया गया, लेकिन यह समस्या का समाधान नहीं बन सका..

इसके बाद नीदरलैंड सरकार ने आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने के लिए कई कदम उठाए. हर पालतू कुत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया. शहरों में कुत्तों पर टैक्स लगाया गया ताकि लोग शेल्टर होम्स से कुत्ते गोद लें.एनजीओ और वॉलंटियरों ने मिलकर हजारों कुत्तों को गोद दिलवाया.

फिर सरकार ने इसी रोकथाम के लिए कुछ कदम और उठाए…सरकार ने मुफ्त नसबंदी अभियान चलाए ताकि आवारा कुत्तों की आबादी न बढ़ सके. साथ ही साथ, स्वस्थ कुत्तों को मारने से रोकने के लिए पॉलिसी बनाई गई। मीडिया और स्कूलों के माध्यम से लोगों में जानवरों के प्रति दया और जिम्मेदारी का संदेश दिया गया. इसके परिणामस्वरूप आवारा कुत्तों की संख्या में भारी कमी आई…

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