Why Gandhi’s photo on the Indian Currency: हम दिन-रात मेहनत करते हैं ताकि पैसे कमा सकें और अपनी जरूरतों को पूरा कर सकें। भारत समेत पूरी दुनिया पैसे के पीछे भाग रही है, और हर कोई ज्यादा से ज्यादा पैसा कमाना चाहता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि भारतीय नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर क्यों छपी है?

नोट पर गांधी जी की तस्वीर की शुरुआत

महात्मा गांधी की तस्वीर भारतीय नोटों पर पहली बार 1969 में दिखाई दी। उस समय यह केवल एक रुपये के नोट पर थी। इसके 18 साल बाद, 1987 में 500 रुपये के नोट पर गांधी जी की तस्वीर छापी गई और उसके बाद से यह परंपरा हर नोट पर जारी रही।

आरबीआई का कारण

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बताया कि नोटों पर किसी इंसान का चेहरा छापना इसलिए जरूरी था क्योंकि किसी भी निर्जीव वस्तु या संकेत की नक़ल करना आसान होता है। इंसान के चेहरे की नक़ल करना कठिन होता है, इसलिए नोट की सुरक्षा के लिए गांधी जी का चेहरा चुना गया।

महात्मा गांधी क्यों?

आरबीआई के अनुसार, गांधी ऐसे व्यक्तित्व थे जिनके विचार पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं। उन्होंने भारत को आज़ाद कराने में अहम भूमिका निभाई और उनके चेहरे को लेकर किसी प्रकार का विरोध नहीं होता। इसलिए गांधी जी को भारतीय नोटों का प्रतीक बनाया गया।

फोटो की कहानी

नोटों पर जो तस्वीर छपी है, वह कोलकाता में क्लिक की गई थी। उस समय गांधी जी ने तत्कालीन म्यांमार और भारत में ब्रिटिश सचिव के रूप में कार्यरत फ्रेडरिक पेथिक लॉरेंस से वायसराय हाउस में मुलाकात की थी। यही फोटो बाद में सभी नोटों पर इस्तेमाल हुई।

महात्मा गांधी की तस्वीर सिर्फ भारतीय नोटों की सुरक्षा के लिए ही नहीं, बल्कि उनके विचारों और राष्ट्रभक्ति के प्रतीक के रूप में भी इस्तेमाल की जाती है। गांधी जी का चेहरा अब भारतीय अर्थव्यवस्था का सबसे पहचानने योग्य और स्थायी प्रतीक बन गया है।

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