Non-Veg Feed Cow. हम सभी ने बचपन में नाक-मुँह सिकोड़कर दूध पिया होगा, जो हड्डियों को मजबूत बनाने के साथ सेहत के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। भारत में दूध न सिर्फ पोषण के लिए, बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण है। व्रत-उपवास में दूध का सेवन होता है, और पूजा-पाठ में भी दूध का अभिषेक और पंचामृत के रूप में उपयोग होता है।
लेकिन पिछले कुछ समय से ‘नॉन-वेज मिल्क’ (Non-Veg Milk) की चर्चा होने लगी है, जो भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड डील के दौरान सुर्खियों में आया।
नॉन-वेज मिल्क क्या है?
आम धारणा के विपरीत, नॉन-वेज मिल्क वह दूध होता है जो उन गायों से मिलता है जिन्हें मांसाहारी या एनिमल-प्रोडक्ट युक्त चारा खिलाया जाता है। यानी, गायों के आहार में सूअर, चिकन, मछली, कुत्ते, बिल्ली आदि जानवरों का मांस, खून या हड्डियां शामिल होती हैं। ऐसे चारे से गाय का दूध ‘शुद्ध शाकाहारी’ नहीं माना जाता और इसे नॉन-वेज मिल्क कहा जाता है।
भारत और दुनिया में गायों का आहार
भारत में ज्यादातर गायों को शाकाहारी चारा जैसे सूखा भूसा, हरा चारा, मक्का, गेहूं के दाने, चोकर आदि खिलाए जाते हैं। कुछ बड़े डेयरी फार्म विदेशी पद्धति अपना रहे हैं, लेकिन मांसाहारी चारा अभी भारत में कम ही इस्तेमाल होता है। वहीं, अमेरिका, यूरोप, रूस, मेक्सिको, थाईलैंड, जापान, ऑस्ट्रेलिया जैसे कई देशों में गायों को एनिमल-प्रोडक्ट युक्त चारा खिलाना आम बात है।
शुद्ध शाकाहारी दूध क्या है?
भारत में मिलने वाला अधिकांश दूध शुद्ध शाकाहारी माना जाता है, खासकर गौशालाओं से प्राप्त दूध। ब्रांडेड दूध पर अक्सर “100% शाकाहारी आहार”, “गौशाला आधारित” या “जैविक शाकाहारी” जैसे लेबल मिलते हैं, जो यह दर्शाते हैं कि गायों को किसी भी एनिमल-प्रोडक्ट वाला चारा नहीं दिया गया।
शाकाहारी और नॉन-वेज दूध में अंतर
स्वाद और पोषण के मामले में दोनों दूधों में कोई विशेष फर्क नहीं पाया गया है। वैज्ञानिक अध्ययनों के अनुसार, मांसाहारी डाइट वाली गायों के दूध को पीना सेहत के लिए हानिकारक नहीं है।