वक्फ कानून को लेकर देश की सियासत गरमाई हुई है। एक ओर सुप्रीम कोर्ट में इसकी वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर आज दोपहर अहम सुनवाई होनी है, तो दूसरी ओर भाजपा इसे लेकर मुस्लिम समुदाय को जागरूक करने के लिए 19 अप्रैल से विशेष अभियान शुरू करने जा रही है। जानिए क्या है पूरा मामला और क्यों बढ़ी है इस कानून को लेकर हलचल…..
20 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई
वक्फ कानून को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई होने जा रही है। दोपहर 2 बजे चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाली बेंच उन 20 से ज्यादा याचिकाओं पर सुनवाई करेगी, जिनमें वक्फ अधिनियम और हाल ही में लाए गए वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती दी गई है। इन याचिकाओं में इस कानून की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए गए हैं और सुप्रीम कोर्ट से इसमें तत्काल हस्तक्षेप करने की मांग की गई है। याचिकाकर्ताओं ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 पर अंतरिम रोक की मांग की है।
इस बीच केंद्र सरकार ने भी मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है, ताकि कोर्ट किसी भी एकतरफा आदेश से पहले सरकार का पक्ष जरूर सुने।
भाजपा चलाएगी वक्फ जागरूकता अभियान
वही इस मुद्दे को लेकर राजनीतिक हलचल भी तेज हो गई है। भाजपा अब वक्फ कानून को लेकर मुस्लिम समुदाय के बीच जागरूकता फैलाने जा रही है। 19 अप्रैल से भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा देशभर में वक्फ जागरूकता अभियान शुरू करेगा।
इस अभियान के तहत पार्टी कार्यकर्ता गरीब और जरूरतमंद मुस्लिम परिवारों को वक्फ अधिनियम के लाभों की जानकारी देंगे। इसके लिए भाजपा ने एक चार सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया है। कमेटी में बासित अली, त्र्यंबक त्रिपाठी, शिव भूषण सिंह सहित चार प्रमुख चेहरे शामिल किए गए हैं, जो विभिन्न राज्यों में जाकर मुस्लिम समुदाय से संवाद करेंगे और कानून के लाभों को समझाएंगे।
क्या है वक्फ अधिनियम विवाद?
वक्फ अधिनियम को लेकर हाल के दिनों में कई राज्यों में विरोध हुआ है। आरोप है कि वक्फ संपत्तियों को लेकर पारदर्शिता की कमी है और कुछ हिस्सों में इसके दुरुपयोग की शिकायतें भी सामने आई हैं। वहीं, सरकार का कहना है कि नया संशोधन पारदर्शिता बढ़ाने और गरीबों के हितों की रक्षा के लिए लाया गया है।
अब देखना यह होगा कि सुप्रीम कोर्ट इस पूरे मामले में क्या रुख अपनाता है और भाजपा का यह अभियान कितना असर डालता है।