वाराणसी। गंगा के जलस्तर में हो रही लगातार वृद्धि के कारण दशाश्वमेध घाट स्थित मां गंगा की आरती अब पूर्व निर्धारित स्थल से करीब 10 फीट पीछे हटकर की जा रही है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आरती स्थल को पीछे खिसकाया है।
गंगा के बढ़ते जलस्तर का असर घाटों पर भी साफ दिख रहा है। मणिकर्णिका घाट का एक रैंप पूरी तरह से जलमग्न हो गया है, जिससे उस पर बने कई शवदाह स्थल भी डूब गए हैं। ऐसे में अब शवदाह प्रक्रिया दूसरे और तीसरे रैंप पर की जा रही है। इससे बाबा विश्वनाथ धाम और मणिकर्णिका घाट के बीच आवागमन भी बाधित हो गया है।
जानकारी के अनुसार गंगा का जलस्तर खतरे के निशान से करीब 3 मीटर नीचे है, लेकिन उत्तराखंड से आ रहे पानी के कारण यह 20 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
प्रशासन ने एहतियातन घाटों पर निगरानी बढ़ा दी है। बैरिकेडिंग की जा रही है और चेतावनी बोर्ड लगाए जा रहे हैं ताकि श्रद्धालुओं को कोई असुविधा न हो।
अधिकारियों के अनुसार, यदि जलस्तर में इसी तरह वृद्धि होती रही, तो आरती स्थल को और पीछे सरकाना पड़ सकता है। उधर, श्रद्धालुओं और पुरोहितों ने भी आरती स्थल परिवर्तन को आवश्यक और सुरक्षित कदम बताया है।