Mata Vaishno Devi Landslide. जम्मू क्षेत्र में मंगलवार (26 अगस्त) को हुए भूस्खलन में मृतकों की संख्या बढ़कर 34 हो गई है। पिछले 38 घंटों से लगातार भारी बारिश के कारण जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में बाढ़, भूस्खलन, सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त, तथा आवासीय और कृषि क्षेत्र जलमग्न हो गए हैं। हजारों लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। अधिकारियों के अनुसार, यह जम्मू में पिछले कई दशकों की सबसे गंभीर बारिश है।
उत्तर रेलवे ने जम्मू और कटरा स्टेशनों से आने-जाने वाली 58 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा 64 ट्रेनों को जम्मू संभाग के अलग-अलग स्टेशनों पर बीच में रोक दिया गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि बुधवार सुबह यातायात कुछ समय के लिए बहाल किया गया था, लेकिन चक्की नदी क्षेत्र में अचानक आई बाढ़ और मिट्टी के कटाव के कारण इसे फिर से रोकना पड़ा।
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि माता वैष्णो देवी मार्ग पर भारी बारिश और भूस्खलन से 32 लोगों की मृत्यु बेहद दुःखद है। उन्होंने घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की प्रार्थना की और जम्मू-कश्मीर समेत अरुणाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में प्रभावित लोगों की मदद के लिए कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से अपील की।
खराब मौसम के कारण जम्मू और कश्मीर में 28 अगस्त को सभी स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। श्रीनगर में एक, उधमपुर में एक, रियासी में एक, किश्तवाड़ में तीन, जम्मू में नौ और सांबा में तीन एनडीआरएफ टीमें तैनात हैं।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि बादल फटने के कारण कई लोग पानी के बहाव में बह गए और कई अनमोल जानें चली गईं। उन्होंने घायलों से मुलाकात की और कहा कि उन्हें उचित उपचार दिया जा रहा है। मृतकों की पहचान कर उनके शव घर भेजने की व्यवस्था की जा रही है। श्रीनगर श्राइन बोर्ड की नीति के अनुसार मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये और आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा 4 लाख रुपये दिए जाएंगे। उपराज्यपाल ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी बात की और प्रशासन को राहत एवं बचाव कार्य में पूरी तत्परता बरतने का निर्देश दिया।