Uttarakhand/Dehradun Operation Kalanemi. उत्तराखंड में अब साधु-संतों का चोला पहनकर ठगी और आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों की खैर नहीं। सरकार ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए ऑपरेशन कालनेमि शुरू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। यह ऑपरेशन प्रदेशभर में उन छद्मवेशधारी ढोंगी बाबाओं और अपराधियों के खिलाफ चलाया जाएगा, जो धर्म के नाम पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

“कालनेमि” के रूप में सक्रिय हैं कई अपराधी

सरकार ने स्पष्ट कहा है कि जिस प्रकार रामायण में असुर कालनेमि ने साधु का वेश धारण कर लोगों को भ्रमित किया था, उसी तरह आज कई लोग संत का रूप धारण कर समाज को गुमराह कर रहे हैं। ऐसे ‘कालनेमियों’ को अब बेनकाब किया जाएगा। इस ऑपरेशन के तहत ऐसे सभी फर्जी साधुओं की पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

धार्मिक भेष में महिलाओं से ठगी, सामाजिक सौहार्द को नुकसान

हाल ही में प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी शिकायतें सामने आई हैं, जहां फर्जी बाबाओं ने महिलाओं से ठगी, काले जादू का डर दिखाकर पैसे ऐंठने और यौन शोषण तक के मामले सामने आए हैं। इन घटनाओं से सनातन धर्म की छवि को आघात पहुंचा है और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने का खतरा बढ़ा है।

आस्था की आड़ में अपराध बर्दाश्त नहीं

सरकार ने साफ किया है कि चाहे किसी भी धर्म या समुदाय से हो, यदि कोई व्यक्ति धार्मिक आस्था का दुरुपयोग करता पाया गया तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि सभी आश्रम, साधु-संतों की पहचान सत्यापित की जाए और संदिग्धों पर नजर रखी जाए।

सनातन संस्कृति की गरिमा की रक्षा सरकार की प्राथमिकता

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि हम सनातन संस्कृति की गरिमा और जनभावनाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। आस्था के नाम पर ढोंग और पाखंड फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। ऑपरेशन कालनेमि के माध्यम से फर्जी बाबाओं की धरपकड़ कर प्रदेश को आस्था का सुरक्षित क्षेत्र बनाने का संकल्प लिया गया है।

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