UP Vidhan Sabha : उत्तर प्रदेश विधानसभा में बुधवार को एक दिलचस्प घटना घटी, जब बीजेपी के दो विधायकों के बीच तीखी बहस हो गई। यह झड़प उस समय हुई जब सपा विधायक अताउर्रहमान अपने भाषण में व्यस्त थे। दोनों बीजेपी विधायक राजेश चौधरी और सौरभ श्रीवास्तव बोलने का समय दिलाने को लेकर आपस में उलझ पड़े, जिससे माहौल कुछ देर के लिए तनावपूर्ण हो गया।
कैसे शुरू हुआ विवाद?
सपा विधायक अताउर्रहमान अपनी बात रख ही रहे थे कि बीजेपी के दो विधायकों, राजेश चौधरी और सौरभ श्रीवास्तव, के बीच झड़प शुरू हो गई। दोनों अपने-अपने मुद्दे पर बोलने का समय मांग रहे थे और इसी को लेकर उनकी तीखी नोकझोंक होने लगी। बात इतनी बढ़ी कि दोनों के बीच शब्दों की जंग शुरू हो गई और स्थिति थोड़ी गर्म हो गई।
सपा विधायक ने की हस्तक्षेप
जब तकरार बढ़ी, तो सपा विधायक अताउर्रहमान ने तुरंत हस्तक्षेप किया। उन्होंने अध्यक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा, “इन दोनों की लड़ाई बंद कराओ!” अताउर्रहमान के बोलने के बाद पंकज सिंह, बीजेपी के एक और विधायक, ने दोनों को शांत रहने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस तरह के विवाद सदन की मर्यादा के खिलाफ हैं।
हालात संभालने में विधायकों ने किया सहयोग
स्थिति को देखते हुए कई अन्य विधायकों ने भी बीच-बचाव किया और सबको शांत कराया। हालांकि, यह घटना थोड़ी देर के लिए सदन में हलचल पैदा करने वाली रही, लेकिन अंततः सभी ने मिलकर स्थिति को शांत किया और कार्यवाही फिर से सुचारू रूप से जारी रही।
सदन में बोलने का समय लेकर विवाद
असल में यह झड़प बोलने के समय को लेकर हुई थी। विधानसभा में अक्सर सदस्य अपने विचार रखने के लिए समय मांगते हैं, लेकिन अगर दो लोग एक ही समय में यह मांग करने लगे, तो स्थिति गड़बड़ हो सकती है। और यही इस विवाद का मुख्य कारण था।
किसकी जिम्मेदारी?
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि विधानसभा में बैठकों का उद्देश्य जनता के हित में काम करना होता है, न कि व्यक्तिगत मुद्दों को लेकर समय बर्बाद करना। सभी विधायकों को यह समझना होगा कि वे जनता के प्रतिनिधि हैं, और उनका व्यवहार सभ्य और पेशेवर होना चाहिए।