मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार 2047 तक प्रदेश को आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त बनाने के लिए ठोस योजनाएँ तैयार कर रही है। इस विज़न के तीन मिशन हैं – समग्र विकास, आर्थिक नेतृत्व और सांस्कृतिक पुनर्जागरण। वहीं तीन थीम पर विशेष जोर है – अर्थ शक्ति, सृजन शक्ति और जीवन शक्ति।
भविष्य के उद्योगों पर सरकार का ध्यान
मुख्यमंत्री का मानना है कि उत्तर प्रदेश की ग्लोबल पहचान केवल भविष्योन्मुखी उद्योगों पर ध्यान केंद्रित किए बिना संभव नहीं है। इसके लिए एआई, बॉयोटेक, ग्रीन एनर्जी और एग्रीटेक आधारित उद्योगों पर विशेष फोकस रखा जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के 12 प्रमुख सेक्टर – कृषि, औद्योगिक विकास, आईटी व इमर्जिंग टेक, स्वास्थ्य, शिक्षा, समाज कल्याण, नगर व ग्राम्य विकास, सतत विकास, पशुधन, पर्यटन, अवस्थापना और सुरक्षा-सुशासन – के जरिए भविष्य के उद्योगों की रूपरेखा तैयार की जा रही है।
2017 से पहले की चुनौतियाँ
2017 से पहले उत्तर प्रदेश पिछड़े राज्य की श्रेणी में था। सुरक्षा व्यवस्था कमजोर, निवेश के लिए माहौल असुरक्षित, हाई-टेक इंफ्रास्ट्रक्चर और कौशल विकास की कमी के कारण निवेशकों का विश्वास कम था। अपराध नियंत्रण और रोजगार के अवसर सीमित थे, और कई उद्यमी अन्य राज्यों में पलायन कर चुके थे।
2017-2025: सुशासन और सुरक्षा का नया युग
योगी सरकार ने कानून-व्यवस्था में सुधार किया। पुलिस भर्ती, स्मार्ट निगरानी नेटवर्क, कमांड-एंड-कंट्रोल सेंटर और ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ जैसी पहलों ने निवेशकों के लिए भरोसा बढ़ाया। परिणामस्वरूप 2023 में यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में 45 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए, जिनमें से 15 लाख करोड़ का निवेश धरातल पर भी उतर चुका है।
ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और टेक निवेश
नोएडा और लखनऊ में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर नीति लागू की गई है। इसका उद्देश्य फॉर्च्यून 500 कंपनियों को आकर्षित करना, उच्च वेतन नौकरियां, आरएंडडी, डेटा एनालिटिक्स और साइबर सिक्योरिटी जैसी सेवाएँ विकसित करना है। सरकार द्वारा जमीन, टैक्स छूट और इंफ्रास्ट्रक्चर सुविधा प्रदान की जा रही है, जिससे निवेशकों का भरोसा मजबूत हुआ है।
भविष्य के उद्योग: यूपी की नई आर्थिक धमनियाँ
प्रदेश अब एआई, बायोटेक, अक्षय ऊर्जा, एग्रीटेक, क्वांटम टेक्नोलॉजी, साइबर सिक्योरिटी और मेटावर्स जैसे उद्योगों पर फोकस कर रहा है। एआई से उत्पादकता बढ़ेगी, अक्षय ऊर्जा और ग्रीन टेक्नोलॉजी में रोजगार और विनिर्माण बढ़ेगा। बायोटेक और हेल्थ-टेक पार्क फार्मा और मेडिकल रिसर्च का हब बनेंगे। एग्रीटेक और वर्टिकल फार्मिंग ग्रामीण आय बढ़ाकर समृद्धि लाएंगे।
6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य
विशेषज्ञों के अनुसार उच्च मूल्य सेवाएं, ग्रीन मैन्युफैक्चरिंग और एग्रीटेक सुधार उत्तर प्रदेश को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था की ओर ले जाएंगे। जीसीसी और आईटी-एआई हब सेवाओं का निर्यात बढ़ाएंगे, रिन्युएबल और ई-मोबिलिटी क्लस्टर विनिर्माण और एक्सपोर्ट में मदद करेंगे, और कृषि आधारित प्रोसेसिंग ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएगी।
रोजगार सृजन और निवेश पर केंद्रित रणनीति
यूपी सरकार का विज़न रोजगार सृजन पर केंद्रित है। जीसीसी और आईटी हब से उच्च-वेतन नौकरियां मिलेंगी, रिन्युएबल और स्मार्ट सिटी इंफ्रास्ट्रक्चर में मध्यम और निम्न-कुशल नौकरियां बनेंगी। एग्रीटेक और कोल्ड चेन से ग्रामीण रोजगार बढ़ेगा। स्किल-विकास योजनाएं और प्राइवेट पार्टनरशिप इस रोडमैप को व्यवहार्य बनाएंगी।
2047 तक प्रदेश की आर्थिक आकांक्षाएँ
उत्तर प्रदेश को 2047 तक 6 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाना है। इसके लिए 16% वार्षिक वृद्धि दर बनाए रखनी होगी। प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि होगी और प्रदेश का राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में योगदान लगभग 20% तक पहुंच जाएगा। यह तभी संभव होगा जब निवेश, क्लस्टर-बिल्डिंग, मानव संसाधन विकास और सुरक्षित निवेश माहौल लगातार बनाए रखा जाए।