न्यूयॉर्क: संविधान निर्माता और सामाजिक न्याय के प्रतीक डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर की 134वीं जयंती पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय, न्यूयॉर्क में विशेष समारोह आयोजित किया गया। यह आयोजन संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन द्वारा किया गया, जिसमें भारत के संविधान निर्माता को वैश्विक स्तर पर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा, भारत ही नहीं, दुनिया के कई देश बाबा साहेब अंबेडकर की जयंती मना रहे हैं। यह हमारे लिए गर्व का विषय है कि संयुक्त राष्ट्र जैसे मंच पर आज उनका सम्मान हो रहा है।”
न्यूयॉर्क सिटी ने घोषित किया ‘डॉ. अंबेडकर डे’
इस ऐतिहासिक मौके पर न्यूयॉर्क सिटी के मेयर एरिक एडम्स ने 14 अप्रैल, 2025 को ‘डॉ. भीमराव रामजी अंबेडकर डे’ घोषित किया। उन्होंने कहा: “न्यूयॉर्क सिटी एक ऐसा शहर है जहां दुनिया भर से लोग नए अवसरों की तलाश में आए हैं। ऐसे में डॉ. अंबेडकर जैसे नेता की शिक्षाएं—न्याय, समानता और गरिमा—हमारे शहर के मूल्यों से मेल खाती हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि इस प्रकार के आयोजन डॉ. अंबेडकर के विचारों को जीवित रखने में मदद करते हैं।
#IndiaAtUN@IndiaUNNewYork commemorated the 134th Birth Anniversary of Dr. B. R. #Ambedkar in the @UN today.
MOS @RamdasAthawale delivered the keynote address at the event titled – Timeless appeal of the vision of Dr. B. R. Ambedkar within the United Nations and Beyond.
He… pic.twitter.com/dLeVGHcTxh— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) April 14, 2025
भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने दी श्रद्धांजलि
भारत के संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि पर्वथनेनी हरीश ने इस अवसर पर डॉ. अंबेडकर के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान और संविधान निर्माण में उनकी भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर ने न केवल राजनीतिक, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समानता के लिए भी आजीवन संघर्ष किया।
#WATCH | New York, USA | Mayor Eric Adams signed the proclamation to declare April 14 as ‘Dr Bhimrao Ramji Ambedkar Day’, recognising the principal architect of India’s Constitution. Union minister and President of the Republican Party of India (Athawale), Ramdas Athawale… pic.twitter.com/XS8c6vvDU5
— ANI (@ANI) April 14, 2025
डॉ. अंबेडकर: शिक्षा और संघर्ष की मिसाल
- जन्म: 14 अप्रैल 1891, महू (मध्यप्रदेश, भारत)
- शिक्षा: कोलंबिया यूनिवर्सिटी से पीएचडी, लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से डीएससी
- पहचान: भारत के संविधान के प्रमुख शिल्पकार, दलितों के अधिकारों के लिए आजीवन संघर्ष, सामाजिक सुधारक, अर्थशास्त्री और विचारक
यह आयोजन न केवल भारत के लिए, बल्कि दुनिया भर में न्याय, समानता और मानवाधिकारों की लड़ाई लड़ने वालों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है।