INDIA UK FTA. भारत और यूनाइटेड किंगडम के बीच 25 जुलाई को ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) साइन हुआ है, जिसमें भारतीय पेशेवरों के लिए यूके में काम करने के रास्ते खुल गए हैं। इस समझौते के तहत अब हर साल भारत से 1,800 कुशल पेशेवर जैसे शेफ, योग प्रशिक्षक, और भारतीय शास्त्रीय संगीतज्ञ बिना बाधा यूके में सेवा प्रदान कर सकेंगे।

सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि इस समझौते से IT, फाइनेंस, कानून, शिक्षा और डिजिटल ट्रेड जैसे क्षेत्रों में भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए व्यापक बाज़ार उपलब्ध होगा। यह एग्रीमेंट शॉर्ट-टर्म कॉन्ट्रैक्ट और इन्ट्रा-कंपनी ट्रांसफर के तहत वीज़ा प्रक्रियाओं को भी सरल करता है।

वीज़ा और मोबिलिटी में सुधार

वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि यह समझौता सेवा प्रदाताओं, बिजनेस विजिटर्स और इंडिपेंडेंट प्रोफेशनल्स की एंट्री को आसान बनाएगा। यह समझौता किसानों, कारीगरों, MSMEs, स्टार्टअप्स और इनोवेटर्स के लिए भी समान अवसर प्रदान करेगा और समावेशी विकास को बढ़ावा देगा।

क्वालिफिकेशन की मान्यता और कानून से जुड़े प्रावधान

ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के संस्थापक अजय श्रीवास्तव ने बताया कि भारत ने कानून और अकाउंटिंग जैसे कुछ क्षेत्रों में यूके की क्वालिफिकेशन को मान्यता दी है, लेकिन लॉ सर्विसेज अभी भी प्रतिबंधित हैं। अधिकांश रेगुलेटेड पेशों में अभी भी म्यूचुअल रिकग्निशन फ्रेमवर्क नहीं बना है।

उन्होंने बताया कि समझौता यूके सर्विस प्रोवाइडर्स की संख्या पर कोई सीमा नहीं लगाता और उन्हें व्यापारिक उपस्थिति (Mode 3) के अधिकार देता है, लेकिन भारत ने राष्ट्रीय सुरक्षा, टैक्स और लीगल सर्विसेज जैसे क्षेत्रों में अपने अधिकार बनाए रखे हैं।

जहां भारत ने पेशेवर मोबिलिटी पर बड़ा कदम उठाया है, वहीं यूके की पेशकश सीमित रही। यूके ने केवल कुछ क्षेत्रों जैसे कंप्यूटर सर्विसेज, कंसल्टेंसी और एनवायरनमेंटल सर्विसेज में व्यावसायिक उपस्थिति की अनुमति दी है। उन्होंने IT प्रोफेशनल्स या बिजनेस विज़िटर्स के लिए कोई बाध्यकारी वीज़ा वादा नहीं किया है।

यूके ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीज़ा की बहाली पर सहमति नहीं दी है और भारतीयों को यूके के पॉइंट-बेस्ड इमिग्रेशन सिस्टम के तहत ही वीज़ा के लिए पात्रता साबित करनी होगी।

ग्लोबल टैलेंट में भारत की भूमिका

BorderPlus के CEO मयंक कुमार ने कहा यह समझौता केवल बाज़ार पहुंच नहीं, बल्कि वैश्विक वर्कफोर्स में भारतीय प्रतिभा को अग्रणी बनाने की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है।

upGrad Enterprise के CEO श्रीकांत अयंगर ने कहा यह FTA बताता है कि भारतीय टैलेंट अब बैक-ऑफिस से फ्रंटलाइन वैल्यू क्रिएशन तक पहुंच चुका है। भारत का सबसे बड़ा लाभ उसका मानव संसाधन है, और ऐसी योजनाएं इसे दुनिया में नेतृत्व की भूमिका देने में सहायक होंगी।

FTA भारतीय पेशेवरों, खासकर युवा स्किल्ड वर्कफोर्स के लिए वैश्विक दरवाज़े खोलने वाला समझौता है। यदि सरकार और उद्योग जगत समयानुकूल ट्रेनिंग, स्किलिंग और कल्चरल फ्लुएंसी पर ध्यान दें, तो यह भारत की वैश्विक क्षमताओं को नई ऊंचाई दे सकता है।

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