India Tyre Industry Growth: भारत की टायर इंडस्ट्री आने वाले वित्त वर्ष यानी FY26 में तेज रफ्तार पकड़ने को तैयार है। एक नई रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि यह सेक्टर अगले साल करीब 8% की ग्रोथ दर्ज करेगा। ऑटो सेक्टर में सुधार, बुनियादी ढांचे पर बढ़ता खर्च और ट्रांसपोर्ट सेक्टर की बढ़ती मांग टायर इंडस्ट्री को बूस्ट देने वाले अहम फैक्टर माने जा रहे हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024-25 में भी टायर इंडस्ट्री ने ठोस प्रदर्शन किया है, खासकर ट्रक, बस, और टू-व्हीलर सेगमेंट में डिमांड बढ़ने से। FY26 में यह ट्रेंड और मजबूत हो सकता है क्योंकि इकोनॉमी में रिकवरी और सरकारी नीतियों का असर दिखने लगा है।
देश में रबर और रॉ मैटेरियल्स की लागत में स्थिरता और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की योजनाएं भी इस ग्रोथ को सपोर्ट कर रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि EV (इलेक्ट्रिक व्हीकल्स) की बढ़ती मांग के बीच कंपनियां अब ज्यादा टिकाऊ और स्मार्ट टायर टेक्नोलॉजी की ओर शिफ्ट कर रही हैं, जिससे इंडस्ट्री में इनोवेशन की संभावना भी तेज हो गई है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ग्रामीण इलाकों में भी टायर की मांग बढ़ी है, जो कि टू-व्हीलर और छोटे कमर्शियल वाहनों की बिक्री से जुड़ी हुई है। बड़ी कंपनियां जैसे MRF, CEAT, Apollo और JK Tyre इस संभावित ग्रोथ को ध्यान में रखते हुए अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने और नई तकनीकों पर निवेश कर रही हैं।
टायर इंडस्ट्री का यह अनुमानित 8% का ग्रोथ फिगर सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है, बल्कि यह संकेत है कि भारत की ऑटो और ट्रांसपोर्ट इकोनॉमी अब फिर से ट्रैक पर लौट रही है… और इसके पहियों को घुमा रहा है टायर सेक्टर।