Adani International School: अदाणी इंटरनेशनल स्कूल के दो छात्रों ने अपनी नवाचार सोच और सामाजिक जिम्मेदारी से पूरे देश का नाम रोशन किया है। स्कूल के आयन पटेल और देवर्ष खत्री को ब्रिटेन का प्रतिष्ठित गोल्ड क्रेस्ट अवॉर्ड मिला है। यह सम्मान विज्ञान, नवाचार और समाज के लिए व्यावहारिक समाधान देने वाले युवाओं को दिया जाता है।

खेतों से निकली नई उम्मीद: आयन पटेल की कृषिमित्र

उत्तर गुजरात के लांवा गाँव में रहने वाले 16 वर्षीय आयन पटेल ने कृषिमित्र नामक प्लेटफ़ॉर्म शुरू किया है। इसका सबसे बड़ा आकर्षण है सौरसिंच AI – एक सौर ऊर्जा से चलने वाला, एआई-समर्थित एग्रीबॉट। यह मिट्टी की सेहत की जांच करता है, पानी की सही मात्रा में सिंचाई करता है और कीटनाशकों का उपयोग घटाता है। खास बात यह है कि इसे चलाने के लिए न इंटरनेट चाहिए, न महंगा ढांचा।

पायलट प्रोजेक्ट में इसके शानदार नतीजे सामने आए..

  • हर साल 70 लाख लीटर पानी की बचत
  • 35% कम कीटनाशक खर्च
  • 30% बढ़ी फसल उपज

अब तक 5 गांवों के 3,300 से ज्यादा किसानों को इस पहल से जोड़ा गया है। महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे छोटे उद्यमों की आय चार गुना तक बढ़ी है। आयन का कहना है, “यह मेरे लिए नवाचार के साथ-साथ परिवार की परंपरा को निभाने का दायित्व भी है। मेरे परदादा किसान नेता और शहीद थे।”

नई पीढ़ी की वित्तीय सोच: देवर्ष खत्री का BNPL शोध

जहाँ आयन खेतों को बदल रहे हैं, वहीं उनके साथी छात्र देवर्ष खत्री ने डिजिटल फाइनेंस पर महत्वपूर्ण रिसर्च की है। उनका प्रोजेक्ट था – “बाय नाउ पे लेटर (BNPL) और वित्तीय साक्षरता के बीच संबंध”।

देवर्ष ने पाया कि वित्तीय जानकारी की कमी वाले उपभोक्ता BNPL जैसी डिजिटल क्रेडिट सेवाओं का इस्तेमाल बिना सोचे-समझे करते हैं, जिससे लंबे समय में कर्ज बढ़ने का खतरा होता है। उन्होंने व्यावहारिक समाधान सुझाए..

  • युवाओं और उपभोक्ताओं के लिए वित्तीय शिक्षा कार्यक्रम
  • जिम्मेदार लोन देने की नीतियां
  • जागरूकता अभियान ताकि BNPL सुविधा मदद बने, बोझ नहीं।

बदलाव गढ़ता स्कूल

इन दोनों कहानियों के केंद्र में है अदाणी इंटरनेशनल स्कूल। यहाँ किताबों से परे जाकर छात्रों को चेंजमेकर लैब और STEM इनोवेशन प्रोग्राम जैसी पहल के जरिए वास्तविक समस्याओं पर काम करने का मौका मिलता है। स्कूल की प्रमोटर नम्रता अदाणी का मानना है कि शिक्षा तभी पूरी है जब वह समाज में बदलाव लाने की ताकत दे।

आगे की राह

आयन अब अपने एग्रीबॉट सौरसिंच AI को पूरे गुजरात में लागू करने की योजना बना रहे हैं और गाँवों के युवाओं को एग्री-इनोवेशन में प्रशिक्षित करना चाहते हैं। वहीं देवर्ष अपने शोध को नीति-निर्माताओं तक ले जाकर देशभर में वित्तीय साक्षरता को मजबूत करना चाहते हैं।

दोनों की कहानियाँ यह साबित करती हैं कि जब शिक्षा में नवाचार और जिम्मेदारी मिलती है, तो छात्र सिर्फ दुनिया को समझते ही नहीं, बल्कि उसे बदलते भी हैं।

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