Kanwar Yatra 2025. श्रावण मास की पवित्र कांवड़ यात्रा के बीच मेरठ के संदीप ने ऐसा काम कर दिखाया है, जिसे देखकर हर किसी की आंखें नम हो रही हैं। हरिद्वार से गंगाजल लाकर संदीप अब अपनी दादी को पालकी में बैठाकर घर लौट रहा है। यह नजारा न सिर्फ भक्ति, बल्कि संस्कार और सेवा भाव की एक अनोखी मिसाल पेश कर रहा है।
दादी की सेवा में कांवड़ यात्रा
संदीप, जो वर्तमान में एक प्राइवेट नौकरी करता है, अपनी बीमार दादी की इच्छा पूरी करने के लिए हरिद्वार गया था। वहां से कांवड़ में गंगाजल लाकर, अब वो दादी को एक विशेष पालकी में बैठाकर यात्रा पूरी कर रहा है। यह यात्रा केवल श्रद्धा की नहीं, बल्कि एक प्यारे रिश्ते और समर्पण की कहानी भी है।
दादी का आशीर्वाद
दादी ने पोते की सेवा से भावुक होकर कहा मेरा पोता श्रवण कुमार है… भगवान करे इसे जल्दी पक्की नौकरी मिले और सुंदर सी बहू भी आए। संदीप की ये अनोखी यात्रा अब सोशल मीडिया पर ‘कलयुग के श्रवण कुमार’ के नाम से वायरल हो रही है।
भक्ति और संस्कार का संगम
हरिद्वार से लौटते श्रद्धालुओं के बीच संदीप और उनकी दादी की पालकी यात्रा सबसे अलग दिख रही है। कई श्रद्धालु रुककर न सिर्फ उन्हें प्रणाम कर रहे हैं, बल्कि सेवा भावना की इस मिसाल को सराह भी रहे हैं।