Shibu Soren Death: झारखंड की राजनीति को नई दिशा देने वाले और “गुरुजी” के नाम से मशहूर शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे। 81 वर्ष की आयु में दिल्ली के एक अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे लंबे समय से बीमार चल रहे थे। बेटे और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया पर उनके निधन की पुष्टि की है। शिबू सोरेन सिर्फ एक राजनेता नहीं बल्कि आदिवासी अधिकारों के लिए संघर्ष करने वाले एक जननायक थे।

राजनीतिक जीवन की झलक
शिबू सोरेन तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री रहे और 11 बार सांसद (8 बार लोकसभा, 3 बार राज्यसभा) चुने गए। अंतिम सांस तक वह राज्यसभा के सदस्य थे। वह झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक नेताओं में से एक थे।
परिवार में कौन-कौन हैं
- पत्नी: रूपी सोरेन
- चार बच्चे:
- दुर्गा सोरेन (स्वर्गीय), विधायक और JMM नेता
- अंजनी सोरेन, सामाजिक कार्यकर्ता
- हेमंत सोरेन, वर्तमान मुख्यमंत्री, JMM के कार्यकारी अध्यक्ष
- बसंत सोरेन, विधायक
पोते-पोतियां और बहुएं
- दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन भी JMM की विधायक हैं।
- हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन भी राजनीति में सक्रिय हैं।
- बसंत सोरेन की पत्नी हेमलता सोरेन हैं, जिनसे उन्हें दो बेटियां हैं: तानी और तारा।
शिबू सोरेन का निधन न केवल उनके परिवार बल्कि पूरे झारखंड और देश के लिए अपूरणीय क्षति है। उन्होंने जीवनभर आदिवासियों के अधिकारों, सामाजिक न्याय और क्षेत्रीय पहचान के लिए संघर्ष किया। उनकी राजनीतिक विरासत को उनके बेटे और अगली पीढ़ी के नेता आगे बढ़ा रहे हैं।