UP school merger policy 2025: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्यभर के प्राइमरी स्कूलों के मर्जर (विलय) को लेकर बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि अब 1 किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित किसी भी प्राथमिक विद्यालय को मर्ज नहीं किया जाएगा। साथ ही, जिन स्कूलों में 50 या उससे अधिक छात्र पढ़ रहे हैं, वे भी मर्ज से बाहर रहेंगे।

यह निर्णय बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह द्वारा साफ किया गया, जिन्होंने बताया कि यह बदलाव बच्चों की सुविधा, शिक्षा की गुणवत्ता और पहुंच को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने कहा,“सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी बच्चे को अपने गांव या मोहल्ले से दूर किसी अन्य स्थान पर स्कूल जाने के लिए मजबूर न होना पड़े। यह निर्णय बच्चों की सहूलियत और शिक्षा के अधिकार की रक्षा करने के लिए लिया गया है।”

अब तक जो स्कूल मर्ज किए गए थे, उन पर भी पुनर्विचार

इस फैसले के साथ ही सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि जो स्कूल पहले से मर्ज किए जा चुके हैं, उनकी स्थिति की समीक्षा की जाएगी और जहां ज़रूरी होगा, वहां मर्जर को रद्द भी किया जा सकता है। इससे राज्य भर के लाखों बच्चों और अभिभावकों को राहत मिलेगी।

क्या है नया नियम?

  • 1 किमी से ज्यादा दूरी पर स्कूल है तो मर्ज नहीं होगा
  • 50 या उससे अधिक छात्र वाले स्कूल अब मर्ज नहीं होंगे
  • पहले मर्ज किए गए मामलों की समीक्षा की जाएगी

लाखों बच्चों को राहत

इस फैसले से खासकर ग्रामीण और दूरदराज़ के इलाकों में रहने वाले लाखों बच्चों को लाभ मिलेगा, जिन्हें अब पास के स्कूल में ही पढ़ने का मौका मिलेगा, और लंबी दूरी तय करने की परेशानी से राहत मिलेगी।

पिछले कुछ समय से उत्तर प्रदेश सरकार स्कूलों की संख्या कम कर उन्हें मर्ज करने की नीति पर काम कर रही थी, ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा सके। हालांकि इस फैसले के बाद स्थानीय विरोध और बच्चों की समस्या सामने आने लगी थी। अब सरकार ने नीति में लचीलापन दिखाते हुए मानवता और व्यावहारिकता के आधार पर निर्णय बदला है।

https://youtu.be/KDxSFv1IoYE

शेयर करना
Exit mobile version