ED Inquiry Anil Ambani: आज दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर के बाहर हलचल तेज है, क्योंकि रिलायंस ग्रुप (RAAGA कंपनियों) के चेयरमैन और एमडी अनिल अंबानी को पूछताछ के लिए तलब किया गया है। मामला मामूली नहीं, बल्कि 17,000 करोड़ रुपये के कथित लोन घोटाले से जुड़ा है.. और अब इसकी जांच ने कई स्तरों पर हलचल मचा दी है।
क्या है मामला?
यह जांच यस बैंक लोन धोखाधड़ी केस से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ी का हिस्सा है। 24 जुलाई से शुरू हुई ईडी की छापेमारी में दिल्ली और मुंबई के कई ठिकानों से डिजिटल रिकॉर्ड, हार्ड ड्राइव और दस्तावेज जब्त किए गए। इस पूरे मामले की जांच पीएमएलए (PMLA) के तहत की जा रही है।
किसने दर्ज की FIR?
दरअसल, मामले की शुरुआत CBI की एफआईआर से हुई, जिसमें आरोप लगाया गया कि रिलायंस समूह ने बैंकों से फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे उठाए और उनका दुरुपयोग किया। अब ईडी इस बात की तह तक पहुंचने की कोशिश में है कि क्या जनता का पैसा सोची-समझी रणनीति के तहत इधर-उधर किया गया।
किस-किस एजेंसी से मिला सहयोग?
- नेशनल हाउसिंग बैंक (NHB)
- सेबी (SEBI)
- नेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA)
- बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB)
इन सभी संस्थानों ने जांच एजेंसी को जरूरी इनपुट मुहैया कराए हैं, जिससे जांच को मजबूती मिली है।
ईडी को क्या मिला अब तक?
ईडी की प्रारंभिक जांच में संकेत मिले हैं कि यह कोई सामान्य आर्थिक गड़बड़ी नहीं, बल्कि शेयरधारकों, निवेशकों और बैंक संस्थानों के साथ सुनियोजित धोखाधड़ी है। इसके अलावा, यस बैंक के प्रमोटरों और अधिकारियों को रिश्वत देने के आरोप भी जांच के दायरे में हैं। 2017 से 2019 के बीच यस बैंक से लगभग ₹3,000 करोड़ के संदिग्ध लोन ट्रांसफर सामने आए हैं।
आज क्यों अहम है?
आज जब अनिल अंबानी ईडी के सामने पेश होंगे, तो उनसे उन फंड ट्रांसफर, फर्जी कंपनियों और बैंक अधिकारियों से रिश्तों के बारे में पूछताछ की जाएगी जो इस पूरे मामले का मूल हैं।
17,000 करोड़ का यह मामला अब सिर्फ एक बिजनेस घोटाला नहीं रहा.. यह जनता के पैसों से जुड़े नैतिक और कानूनी सवालों तक पहुंच चुका है। अनिल अंबानी से आज की पूछताछ इस पूरे मामले को एक नया मोड़ दे सकती है।