President Nominates Four Members to Rajya Sabha. भारतीय लोकतंत्र के उच्च सदन राज्यसभा में चार नई हस्तियों की एंट्री हुई है, जो अपने-अपने क्षेत्र में विशिष्ट पहचान और विशेषज्ञता रखते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान के अनुच्छेद 80 के तहत विशेष अधिकार का उपयोग करते हुए इन चारों को राज्यसभा के मनोनीत सदस्य के रूप में नामित किया है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी से बातचीत की और उन्हें बधाई दी।

इनमें इतिहासकार, कूटनीतिज्ञ, सामाजिक कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील शामिल हैं, जो राज्यसभा में विविध दृष्टिकोण और अनुभव लेकर आएंगे। यह नामांकन न केवल उच्च सदन की गुणवत्ता को बढ़ाता है, बल्कि यह सरकार की ज्ञान आधारित प्रतिनिधित्व की नीति को भी उजागर करता है।

कौन हैं ये चार नामित सदस्य?

1. डॉ. मीनाक्षी जैन – इतिहास को भारतीय दृष्टिकोण से परिभाषित करने वाली लेखिका

डॉ. मीनाक्षी जैन देश की प्रमुख इतिहासकारों में से एक हैं, जिन्होंने भारतीय सभ्यता, संस्कृति और धर्म पर गहन शोध किया है। उन्होंने ऐसे ऐतिहासिक मुद्दों को उठाया है जिन्हें लंबे समय तक अकादमिक विमर्श से दूर रखा गया। उनकी पुस्तकें और लेख आज के युवा शोधकर्ताओं को एक नई दिशा दे रही हैं।

2. हर्षवर्धन श्रंगला – कूटनीति और वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त आवाज

पूर्व विदेश सचिव और G20 समिट के शेरपा रहे श्रंगला भारत की विदेश नीति को आकार देने वाले प्रमुख अधिकारियों में से एक रहे हैं। वे अमेरिका, बांग्लादेश और थाईलैंड में भारत के राजदूत रहे और वैश्विक मंचों पर भारत के पक्ष को मजबूती से रखने के लिए जाने जाते हैं।

3. सदानंदन मास्टर – केरल के शिक्षा योद्धा और सामाजिक प्रेरणा

केरल के प्रसिद्ध शिक्षक और सामाजिक कार्यकर्ता सदानंदन मास्टर ने शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का कार्य किया है। उन्होंने वंचित वर्गों, विशेषकर आदिवासी बच्चों के लिए शिक्षा अभियान चलाए और समाज में बदलाव की एक सशक्त धारा बहाई।

4. उज्ज्वल निकम – आतंक के खिलाफ कानूनी लड़ाई का चेहरा

वरिष्ठ आपराधिक वकील उज्ज्वल निकम देश के सबसे चर्चित मामलों के अभियोजक रहे हैं। उन्होंने 1993 मुंबई ब्लास्ट, 26/11 आतंकी हमला, प्रशांत पूजारी, नरेंद्र दाभोलकर, केएस भक्तालोक जैसे दर्जनों मामलों में अभियोजन का नेतृत्व किया। उनकी कानूनी सूझबूझ और मजबूत पैरवी ने देश को न्याय दिलाया।

पीएम मोदी का दृष्टिकोण – “राज्यसभा में अनुभव और विचारों की विविधता”

प्रधानमंत्री मोदी ने इन चारों मनोनीत सदस्यों से व्यक्तिगत बातचीत करते हुए उनके कार्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि राज्यसभा को विविध क्षेत्रों से अनुभव और दृष्टिकोण मिलना भारत के लोकतंत्र को और मजबूत बनाता है। यह कदम भारतीय राजनीति में एक गुणवत्ता आधारित प्रतिनिधित्व की दिशा में अहम माना जा रहा है।

विश्लेषण – विविधता, विशेषज्ञता और विचारधारा का संगम

इस मनोयन प्रक्रिया के पीछे एक स्पष्ट सोच दिखती है — राज्यसभा को विशेषज्ञता का मंच बनाना। जहां लोकसभा जनप्रतिनिधियों से भरी होती है, वहीं राज्यसभा ऐसे लोगों के लिए जगह देती है जो विद्या, सेवा, कूटनीति, न्याय और संस्कृति के क्षेत्र से आते हैं। इस बार का चयन इस बात का उदाहरण है कि सरकार अब पार्टी लाइन से ऊपर उठकर समाज के उत्कृष्ट चेहरों को संसद में लाना चाहती है।

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