Dayashankar Singh Ballia. बलिया जिले में कटहर नाले पर बने एक नवनिर्मित पुल को लेकर बड़ा प्रशासनिक विवाद खड़ा हो गया है। यूपी सरकार के परिवहन मंत्री और बलिया सदर से विधायक दयाशंकर सिंह ने पुल को बिना उद्घाटन और क्लियरेंस के चालू किए जाने पर लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों को सरेआम फटकार लगा दी। उन्होंने PWD एक्सईएन केसरी प्रकाश को सड़क पर ही लताड़ते हुए इस कदम को सरकार विरोधी साजिश करार दिया और मामले की उच्चस्तरीय जांच के संकेत दिए।

आधी रात को मौके पर पहुंचे मंत्री

जानकारी मिलते ही मंत्री दयाशंकर सिंह आधी रात को अपने काफिले के साथ मौके पर पहुंचे। वहां उन्होंने देखा कि पुल पर आवागमन शुरू हो चुका है, जबकि ना तो इसका उद्घाटन हुआ था और ना ही इसके संचालन की मंजूरी दी गई थी। मंत्री ने PWD एक्सईएन केसरी प्रकाश से सवाल किया कि उन्होंने बिना स्थानीय विधायक, नगर पालिका अध्यक्ष और विभागीय उच्चाधिकारियों को सूचना दिए, आखिर किसके निर्देश पर पुल चालू करवा दिया?

सरकार विरोधी दरबार का आरोप

मंत्री ने इस मौके पर पीडब्ल्यूडी और एनएचएआई के अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “आप लोग किस दरबार में जाकर आदेश ले रहे हैं? क्या ये सरकार विरोधी साजिश है?” मंत्री ने कहा कि यदि पुल की स्थिति तैयार थी और चालू किया जाना जरूरी था, तो उद्घाटन उन्हीं के हाथों क्यों नहीं कराया गया?

बिना क्लीयरेंस हुआ संचालन, बंद किया गया पुराना पुल

जानकारी के अनुसार, यह पुल नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा बनवाया गया है और इसके निर्माण का कार्य पूरा हो चुका था। हालांकि, पुल को संचालन के लिए अनिवार्य क्लीयरेंस अभी तक नहीं मिला था। बावजूद इसके, PWD अधिकारियों ने अपने स्तर पर पुल को चालू करवा दिया और पुराने पुल को बंद कर दिया।

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, पुराने पुल में ब्लॉकेज और कटहर नाले में जलस्तर बढ़ने के कारण यह निर्णय लिया गया। लेकिन इस प्रक्रिया में कोई भी लिखित अनुमति या राजनीतिक-सामाजिक संवाद नहीं हुआ, जो अब विवाद का कारण बन गया है।

कार्यशैली पर उठे सवाल, जांच के आसार

इस पूरे घटनाक्रम ने PWD की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मंत्री दयाशंकर सिंह की नाराजगी और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए संभावना जताई जा रही है कि मामले की विभागीय और प्रशासनिक जांच करवाई जाएगी। यह विवाद स्थानीय प्रशासन, विभागीय अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बीच संवादहीनता और समन्वय की कमी को उजागर करता है। मंत्री के सार्वजनिक आक्रोश के बाद मामला अब मुख्यमंत्री स्तर तक पहुंचने की संभावना है।

कटहर नाले पर बने नए पुल को लेकर उठे इस विवाद ने न केवल बलिया के प्रशासनिक तंत्र की लापरवाही को उजागर किया है, बल्कि यह भी दिखाया है कि योजनाओं और विकास कार्यों को लागू करते समय प्रक्रिया, अनुमोदन और समन्वय कितना आवश्यक है। अब देखना होगा कि इस मामले में कार्रवाई कितनी त्वरित और प्रभावी होती है।

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