Priyanka Gandhi on Pehalgam attack. लोकसभा में प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया और पहलगाम हमले, सुरक्षा चूक और शहीदों के परिवारों को लेकर कई सवाल उठाए। प्रियंका ने कहा कि गृह मंत्री और रक्षा मंत्री को जवाब देना चाहिए कि कैसे बैसरन घाटी और पहलगाम में सुरक्षा की इतनी बड़ी चूक हुई। “क्या पीएम, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की यह जिम्मेदारी नहीं है कि नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें?” प्रियंका ने सरकार से पूछा।
प्रियंका गांधी ने कहा राजनाथ सिंह तो पुलवामा, उड़ी और पठानकोट के समय गृह मंत्री थे, आज रक्षा मंत्री हैं। लेकिन आज भी मणिपुर में दंगे हो रहे हैं और गृह मंत्री चुप हैं। क्या कभी उन्होंने जिम्मेदारी ली?
मां के आंसू और शहीदों के परिवार की पीड़ा
प्रियंका ने अपने पारिवारिक दर्द का जिक्र करते हुए कहा मेरी मां के आंसू तब गिरे जब आतंकवादियों ने उनके पति को शहीद किया, जब वह महज 44 साल की थीं। जब मैं यहां खड़ी हूं और उन 26 परिवारों का दर्द साझा कर रही हूं, तो क्योंकि मैं खुद उस दर्द को जानती हूं।
सुरक्षा चूक पर तंज
प्रियंका गांधी ने पहलगाम हमले पर सवाल उठाते हुए कहा यहां पर कोई सुरक्षाकर्मी क्यों नहीं था? जब 1000-1500 पर्यटक रोज जाते हैं, तो सरकार ने सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए थे? प्रियंका ने कहा कि सरकार ने नागरिकों को पूरी तरह से भगवान के भरोसे छोड़ दिया।
शुभम की पत्नी का दर्द
प्रियंका ने कहा शुभम की पत्नी ने कहा कि मैंने अपनी दुनिया को खत्म होते देखा। वहां एक सिक्योरिटी गार्ड तक नहीं था। हम वहां अनाथ हो गए। प्रियंका ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नाकामी दिखाई है।
कांग्रेस ने तवज्जो दी जिम्मेदारी की बात
प्रियंका गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले हमलों के बाद कोई जिम्मेदारी नहीं ली, न ही इस्तीफा दिया, न ही किसी की जवाबदेही तय की गई। “टीआरएफ ने 2020 से लेकर 2025 तक कश्मीर में 41 सुरक्षाकर्मियों की हत्या की, 27 नागरिकों को मारा। लेकिन सरकार ने कब यह स्वीकार किया कि ये आतंकवादी थे?”