Ganga Yamuna Boat Sinking Incident. रात से जारी मूसलधार बारिश और तेज हवाओं ने गंगा और यमुना के किनारे बसे इलाकों में भारी तबाही मचाई है। संगम तट, दारागंज, नैनी और झूंसी घाट जैसे प्रमुख इलाकों में तूफान और बारिश के चलते सैकड़ों नावों के डूबने और बहने की खबरें आ रही हैं, जिससे नाविकों की आजीविका पर गहरा संकट आ गया है।

25 वर्षों में सबसे बड़ा तूफान और बारिश: नाविकों का दावा

स्थानीय नाविकों का कहना है कि पिछले 25 वर्षों में उन्होंने ऐसी मूसलधार बारिश और तेज हवाओं का सामना नहीं किया, जिसमें इस स्तर का नुकसान हुआ हो। तेज हवाओं के चलते नदी की लहरें भयंकर हो गईं, और तटों पर बंधी कई नावें एक-एक कर बहती चली गईं। कुछ नावें लहरों की चपेट में आकर पलट गईं, जबकि कई का अब तक कोई पता नहीं चल सका है।

नाविकों ने अपनी नावों को बचाने की की कोशिश

स्थानीय लोगों और नाविकों द्वारा बनाए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि गंगा में समुद्र जैसी ऊंची लहरें उठ रही थीं और नावें पानी में डगमगाती नजर आ रही थीं। कुछ नाविक अपनी नावों को बचाने की कोशिश में जुटे रहे, लेकिन लहरों की रफ्तार और तूफानी हवाओं के सामने उनकी मेहनत बेकार साबित हुई। यह घटना नाविक समुदाय के लिए गहरे आर्थिक संकट का कारण बन गई है, क्योंकि कई परिवारों की आजीविका सिर्फ नावों पर निर्भर है और उनका सारा सहारा एक ही रात में खत्म हो गया।

प्रशासन द्वारा नुकसान का सर्वे और राहत की अपील

प्रशासन ने घटना स्थल पर जाकर नुकसान का सर्वे करना शुरू कर दिया है। नाविकों ने प्रशासन से तत्काल राहत, मुआवजा और मदद की मांग की है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक और बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों के किनारे जाने से बचें और पूरी सतर्कता बरतें।

नाविकों के लिए प्रशासन की तत्परता की आवश्यकता

प्रयागराज में मूसलधार बारिश और तूफानी हवाओं ने जहां एक ओर नाविकों को आर्थिक संकट में डाल दिया है, वहीं प्रशासन को अब तत्काल राहत कार्यों को गति देने की जरूरत है। प्रभावित नाविकों को शीघ्र मुआवजा और अन्य आवश्यक सहायता प्रदान कर उनका जीवन पटरी पर लाया जा सकता है।

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