रामनवमी के दिन प्रयागराज के सिकंदरा इलाके में एक घटनाने पूरे शहर को हिलाकर रख दिया। रामनवमी के अवसर पर यानी 6 अप्रैल को महाराजा सुहेलदेव संगठन के कार्यकर्ताओं ने सालार मसूद गाजी की दरगाह पर भगवा झंडे फहरा दिए। सूत्रों के अनुसार तीन युवक दीवारों के सहारे छत तक पहुंचे और वहां ‘ॐ’ लिखे भगवा झंडे लहराते हुए नारेबाजी की, जिससे पूरे इलाके में हलचल मच गई।
बताया जा रहा है कि ये पूरा मामला बहरिया थाना क्षेत्र के सिकंदरा का है। जहां, इस हंगामे का नेतृत्व मनेंद्र प्रताप सिंह ने किया, जो खुद को भाजपा और संघ का समर्थक बताते है। उनका कहना है कि, “गाजी मसूद एक आक्रांता था, और उसकी दरगाह का यहां कोई स्थान नहीं होना चाहिए। इसे तुरंत ध्वस्त कर दिया जाए, और इस पवित्र जगह को हिंदुओं के पूजा स्थल के रूप में सौंप दिया जाए!”
हिंदू संगठनों की तीखी प्रतिक्रिया
महाराजा सुहेलदेव सम्मान सुरक्षा मंच के पदाधिकारियों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने एक ज्ञापन में कहा, “गाजी की दरगाह अवैध है, इसे हटाकर यहां हिंदू धर्म के सम्मान में मंदिर बनाना चाहिए।” मंच का आरोप था कि गाजी ने हिंदुओं का नरसंहार किया था, और इस दरगाह का होना हिंदू समाज के लिए अपमानजनक है।
प्रशासन की चुप्प और कार्रवाई
प्रशासन ने 24 मार्च को दरगाह के गेट पर ताला लगा दिया था, लेकिन पुलिस ने इसे प्रशासन का कदम नहीं बताया। दरगाह प्रबंधन ने इसे एक अस्थायी कदम बताया, क्योंकि वहां अंदर काम चल रहा था। इस घटना के बाद, स्थानीय हिंदू संगठनों का गुस्सा और बढ़ गया है, और वे अब इसे लेकर और भी आक्रामक हो गए हैं।