स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के आत्मनिर्भर बनने और विकसित राष्ट्र के रूप में उभरने का सशक्त संदेश दिया। उनका कहना था कि आत्मनिर्भर भारत (Atmanirbhar Bharat) केवल आर्थिक प्रगति का माध्यम नहीं, बल्कि मजबूत सुरक्षा और वैश्विक नेतृत्व की नींव भी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनौतियों को अवसर में बदलकर ही भारत अपनी वैश्विक पहचान मजबूत कर सकता है।

आत्मनिर्भरता का रोल: कोविड और व्यापार संकट

कोविड-19 महामारी के दौरान आत्मनिर्भर भारत ने संकट को अवसर में बदला, जिससे आर्थिक वृद्धि में तेजी आई। वहीं, अमेरिका की ओर से लगाए गए टैरिफ की चुनौतियों ने भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बनने और आपातकालीन परिस्थितियों का सामना करने की क्षमता प्रदान की।

‘सुदर्शन चक्र’ पहल

सुदर्शन चक्र पहल भारत की सुरक्षा ढांचे को मजबूत करेगी और आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाएगी। आत्मनिर्भरता भारत को विश्व स्तर पर उत्पादन का केंद्र बनाने में मदद करेगी। अमेरिकी टैरिफ की आशंका से भारतीय निर्यात प्रभावित हो सकते हैं, लेकिन इसे अवसर में बदलकर एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के बाजारों में विस्तार किया जा सकता है।

वैश्विक व्यापार और निर्यात रणनीति

प्रधानमंत्री मोदी की ‘Act East Policy’ और दक्षिण-दक्षिण सहयोग भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूती प्रदान करेंगे। अफ्रीका और आसियान देशों में भारतीय उत्पादों की मांग बढ़ाने पर ध्यान दिया जा रहा है। यूके, यूरोप और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ व्यापारिक सौदे भारत के लिए नए अवसर खोलेंगे।

निर्माण और सेमीकंडक्टर उद्योग में वृद्धि

‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सेमीकंडक्टर निर्माण में तेजी आई है। वर्ष के अंत तक भारत के पहले ‘Made in India’ चिप्स बाजार में आएंगे। 500 GW की स्वच्छ ऊर्जा योजना और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर उत्पादन भारत को वैश्विक तकनीकी केंद्र बनाने में सहायक होगा।

MSMEs और तकनीकी अपनाने की पहल

देश के MSME सेक्टर को तकनीकी और AI समाधान उपलब्ध कराने के लिए HP और CII जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर प्रशिक्षण और समाधान केंद्र बनाए जा रहे हैं। इससे छोटे व्यवसाय भी डिजिटल और तकनीकी रूप से सशक्त बनेंगे।

जीएसटी और कर सुधार

मोदी सरकार ने ‘Next Generation GST Reforms’ लागू किए हैं, जो देश में कर भार को कम करेंगे और निर्यातकों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाएंगे। MSMEs की अनुपालन प्रक्रिया को आसान बनाकर उत्पादन और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलेगा।

भारत का भविष्य: 2047 तक $30-35 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था

आज भारत $4.187 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था है। प्रधानमंत्री मोदी का लक्ष्य है कि 2047 तक भारत $30-35 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बने। इसके लिए सरकार ने अवसंरचना, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप मिशन, नारी सशक्तिकरण और वैश्विक व्यापार विस्तार जैसी योजनाओं को गति दी है।

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