Parliament: संसद में बुधवार का दिन राजनीतिक रूप से बेहद अहम रहने वाला है। केंद्र सरकार तीन बड़े विधेयक पेश करने की तैयारी कर रही है, जिनका सीधा असर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रियों, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों पर पड़ेगा। इन विधेयकों का उद्देश्य साफ है… यदि किसी पर गंभीर आपराधिक आरोप लगते हैं और वह गिरफ्तार होकर जेल जाता है, तो उसे अपने पद से हटना होगा।
सरकार की तैयारी
गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में इन तीनों विधेयकों को पेश करेंगे और साथ ही इन्हें संसद की संयुक्त समिति (जॉइंट कमेटी) के पास भेजने का प्रस्ताव भी रखेंगे। सरकार का कहना है कि वर्तमान कानूनों और संविधान में ऐसी कोई स्पष्ट व्यवस्था नहीं है कि गिरफ्तारी की स्थिति में प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या मंत्री को तुरंत हटाया जा सके। यही कमी इन विधेयकों के जरिए पूरी की जाएगी।
तीन प्रमुख विधेयक
1️⃣ केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025
- अभी तक 1963 के कानून में यह प्रावधान नहीं था कि यदि किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री या मंत्री गंभीर आपराधिक मामले में गिरफ्तार होता है, तो उसे पद से हटाया जाए।
- सरकार धारा-45 में संशोधन कर इस कमी को दूर करने की तैयारी कर रही है।
2️⃣ संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025
- यह विधेयक सीधे प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्रिपरिषद से जुड़ा है।
- प्रस्तावित बदलाव के अनुसार अगर प्रधानमंत्री या कोई केंद्रीय मंत्री गंभीर आरोपों में गिरफ्तार होता है, तो उसे अपने पद से हटना होगा।
- यही नियम राज्यों और दिल्ली के मुख्यमंत्री व मंत्रियों पर भी लागू होगा।
- इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239एए में संशोधन किया जाएगा।
3️⃣ जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025
- 2019 के कानून में भी यह व्यवस्था नहीं थी कि अगर मुख्यमंत्री या मंत्री जेल चला जाए तो उसे पद से हटाया जाए।
- अब धारा-54 में संशोधन करके यह प्रावधान जोड़ने की तैयारी है।
सरकार की तर्क
केंद्र सरकार का कहना है कि लोकतंत्र में सत्ता में बैठे लोग जनता के सामने पूरी तरह जवाबदेह हों। यदि कोई गंभीर अपराधों में आरोपी है और जेल में है, तो उसे जनता की कुर्सी पर बने रहने का अधिकार नहीं होना चाहिए।