नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि गंभीर आपराधिक मामलों में गिरफ्तारी पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने के लिए पेश किए गए बिल के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद यह सुनिश्चित किया कि प्रधानमंत्री के पद के लिए कोई अपवाद नहीं बनाया जाए।
पीएम मोदी का फैसला: कोई विशेष संरक्षण नहीं
रिजिजू ने कहा, “कई लोगों ने सिफारिश की थी कि इस बिल में प्रधानमंत्री को बाहर रखा जाए, लेकिन पीएम मोदी ने इसे मानने से इंकार कर दिया। प्रधानमंत्री भी एक नागरिक हैं और उन्हें विशेष सुरक्षा नहीं मिलनी चाहिए। अधिकतर मुख्यमंत्री हमारे ही पार्टी से हैं। अगर वे कुछ गलत करते हैं, तो उन्हें अपने पद से हटना होगा। नैतिकता का भी अर्थ होना चाहिए। विपक्ष इस बिल का स्वागत करता अगर उन्होंने नैतिकता को केंद्र में रखा होता।”
लोकसभा में बिलों का परिचय और विपक्ष का विरोध
गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में तीन बिल पेश किए:
- Government of Union Territories (Amendment) Bill 2025
- Constitution (One Hundred And Thirtieth Amendment) Bill 2025
- Jammu and Kashmir Reorganisation (Amendment) Bill 2025
इन बिलों का उद्देश्य है कि यदि प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री या मुख्यमंत्री को लगातार 30 दिनों तक गंभीर अपराधों में गिरफ्तार और हिरासत में रखा जाता है, जिनके लिए कम से कम पांच साल की जेल हो सकती है, तो वे 31वें दिन अपने पद से हटा दिए जाएं।
विपक्षी सांसदों ने जताया विरोध
बिल पेश होने के बाद विपक्षी सांसदों ने जोरदार विरोध किया। उन्होंने बिल की प्रतिलिपि फाड़ दी और अमित शाह के पास मार्च करते हुए नारेबाजी की।