PLI scheme. केंद्र सरकार ने उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (PLI) योजना के तहत ₹1,362 करोड़ के फार्मास्यूटिकल्स कच्चे माल का आयात टालने में बड़ी सफलता हासिल की है। यह योजना 25 चयनित सक्रिय फार्मास्यूटिकल्स सामग्री (APIs) के घरेलू निर्माण क्षमता को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई थी, जिससे भारत में फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन को मजबूती मिली है।

केंद्रीय रसायन और उर्वरक राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि मार्च 2025 तक ₹3,938.5 करोड़ के निवेश का लक्ष्य था, लेकिन अब तक ₹4,570 करोड़ का निवेश पहले ही किया जा चुका है। इसके साथ ही इस योजना के तहत कुल ₹1,817 करोड़ की बिक्री दर्ज की गई है, जिसमें ₹455 करोड़ का निर्यात भी शामिल है। मंत्री ने कहा कि इस योजना से महत्वपूर्ण सक्रिय फार्मास्यूटिकल्स सामग्री (APIs) और कच्चे माल का आयात टलने में मदद मिली है, जिससे भारत को व्यापारिक और आर्थिक लाभ हुआ है।

राज्यसभा में दिए गए जवाब में मंत्री का बयान

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि PLI योजना के तहत जो उत्पाद पहले आयात होते थे, अब उनका घरेलू स्तर पर उत्पादन बढ़ाया गया है। इससे आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट के जोखिम को कम करने में मदद मिली है। खासतौर पर उन फार्मास्यूटिकल्स उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित हुई है, जिनके लिए कोई वैकल्पिक स्रोत उपलब्ध नहीं थे। इससे भारत की फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर मजबूती मिली है और देश में चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित हुई है।

PLI योजना का असर

सिर्फ घरेलू उत्पादन को बढ़ावा ही नहीं, बल्कि भारत में दवाओं की आपूर्ति भी सुरक्षित हुई है। इस योजना के तहत फार्मास्यूटिकल्स के कच्चे माल का आयात ₹1,362 करोड़ तक कम किया गया है। इसके अलावा, ₹455 करोड़ का निर्यात किया गया है, जिससे भारत के फार्मास्यूटिकल्स उत्पादों की अंतरराष्ट्रीय मांग में भी बढ़ोतरी हुई है।

सरकार के अन्य कदम

सरकार ने यह भी घोषणा की कि PLI योजना के तहत अन्य उत्पादों को भी बढ़ावा दिया जाएगा, और इसके लिए ₹15,000 करोड़ का बजट रखा गया है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भारत को फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। इसके तहत सरकार ने Bulk Drugs पार्कों के विकास के लिए भी ₹3,000 करोड़ का बजट तय किया है।

पटेल ने बताया कि तीन Bulk Drugs पार्कों को मंजूरी दी गई है, जो आंध्र प्रदेश, गुजरात और हिमाचल प्रदेश में स्थापित किए जाएंगे। ये पार्क विभिन्न विकासात्मक चरणों में हैं, और इनसे फार्मास्यूटिकल्स के उत्पादन में और भी वृद्धि होने की उम्मीद है। इन पार्कों के निर्माण से देश में फार्मास्यूटिकल्स उद्योग के विकास को नई दिशा मिलेगी।

PLI योजना के अंतर्गत आने वाले उत्पादों में आ रहे लाभ

इस योजना से पहले कई ऐसे उत्पाद थे, जिन्हें मुख्य रूप से विदेशों से आयात किया जाता था। अब इन उत्पादों के उत्पादन को भारत में बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे ना केवल आयात पर निर्भरता कम हुई है, बल्कि घरेलू बाजार में इनकी उपलब्धता भी सुनिश्चित हुई है। इससे भारत की फार्मास्यूटिकल्स इंडस्ट्री को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मजबूती मिली है।

सरकार का उद्देश्य

भारत को फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी बनाने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। PLI योजना के जरिए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि भारत में चिकित्सा सामग्री की आपूर्ति को बढ़ावा मिले और आयात पर निर्भरता कम हो। इससे देश में नौकरी के नए अवसर भी पैदा होंगे और फार्मास्यूटिकल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बल मिलेगा।

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