YouTuber Jyoti Malhotra: भारत की पवित्र भूमि — काशी, अयोध्या, मथुरा और प्रयागराज… जहां श्रद्धालु आस्था लेकर आते हैं, वहीं हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा ने यहां साजिश की पटकथा लिख डाली। धार्मिक स्थलों की यात्रा और व्लॉगिंग के बहाने वह पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रही थी — यह खुलासा जितना सनसनीखेज है, उतना ही देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए खतरे की घंटी भी।
मंदिरों से वीडियो नहीं, संवेदनशील जानकारी बटोर रही थी ज्योति
यूपी पुलिस और इंटेलिजेंस एजेंसियों की जांच में पता चला है कि ज्योति सिर्फ एक ट्रैवल यूट्यूबर नहीं थी, बल्कि उसने बीते 5 सालों में 6 बार काशी, कई बार प्रयागराज, अयोध्या, मथुरा और वृंदावन की यात्राएं कीं। हर यात्रा में वह वीडियो बनाती, फोटो खींचती, और साथ ही संवेदनशील सूचनाएं इकट्ठा करती रही।
सूत्रों के अनुसार, महाकुंभ के दौरान प्रयागराज पहुंची ज्योति ने वहां भी वीडियोग्राफी और रिकॉर्डिंग की। उसका यूट्यूब चैनल Travelwithjo1 अब सस्पेंड किया जा चुका है, लेकिन उसने वहां से कई वीडियो पहले ही अपलोड कर चुकी थी।
वृंदावन के युवक से था संपर्क
जांच में ये भी सामने आया कि ज्योति वृंदावन के एक युवक के संपर्क में थी, जिसकी तलाश में 18 मई को सेना की खुफिया एजेंसी वृंदावन पहुंची। साथ ही, उसके साथ यात्राओं में कुछ अन्य लड़कियों की मौजूदगी ने जांच को और गहरा कर दिया है। पुलिस अब यह पता लगा रही है कि वह किन लोगों से मिली, कहां ठहरी और क्या-क्या रिकॉर्ड किया।
बार-बार की यात्राएं बनीं शक की वजह
बार-बार काशी और अन्य धार्मिक स्थलों पर आना-जाना देखकर खुफिया एजेंसियां सतर्क हुईं। 15 मई को हिसार (हरियाणा) से उसकी गिरफ्तारी हुई और पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का मुकदमा दर्ज किया गया।
ज्योति के इंस्टाग्राम पर मौजूद एक वीडियो में वह काशी में गंगा की नाव यात्रा करती दिखती है, जिसमें कुछ सहेलियां भी साथ नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि दिसंबर 2023 से फरवरी 2025 के बीच वह 3 बार वाराणसी आ चुकी थी।
बड़ा सवाल – सोशल मीडिया की आड़ में देश की सुरक्षा से कब तक खिलवाड़?
इस केस ने फिर साबित कर दिया है कि डिजिटल दौर में कैमरे के पीछे छिपे इरादे पहचानना अब जरूरी हो गया है। श्रद्धा और आस्था के केंद्र रहे ये मंदिर अब साजिशों के टारगेट बनते जा रहे हैं — और ज्योति मल्होत्रा की कहानी इसका खतरनाक उदाहरण है।
अब जब जांच तेज़ है, हर कदम पर सतर्कता भी उतनी ही ज़रूरी है — क्योंकि अगली बार कोई कैमरा घूमते हुए सिर्फ व्लॉग नहीं बना रहा होगा… शायद वो किसी मुल्क के लिए आंखें और कान बन चुका हो।