Lucknow ABVP Protest: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार देर रात कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के आवास के बाहर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन बाराबंकी के श्रीराम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी (SRMU) में सोमवार को हुए पुलिस लाठीचार्ज और मंत्री राजभर की कथित विवादित टिप्पणी के विरोध में किया गया।
क्या है मामला?
सोमवार को ABVP और छात्रों ने SRMU में LLB कोर्स की मान्यता और अवैध फीस वसूली के खिलाफ प्रदर्शन किया। आरोप है कि विश्वविद्यालय 2022 से बिना बार काउंसिल ऑफ इंडिया (BCI) की मान्यता के लॉ कोर्स चला रहा है, जिससे छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठीचार्ज किया, जिसमें 24 से अधिक छात्र घायल हुए। कुछ छात्रों की स्थिति गंभीर होने पर उन्हें मेडिकल इलाज के लिए मेयो और जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
छात्रों का आरोप है कि पुलिस ने लाठीचार्ज के अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन के इशारे पर बाहरी लोगों ने भी उन पर हमला किया। इस घटना ने पूरे प्रदेश में सियासी तूफान खड़ा कर दिया।
मंत्री ओपी राजभर क्यों भड़के ABVP
प्रदर्शनकारी छात्रों का गुस्सा तब और बढ़ गया जब कैबिनेट मंत्री ओपी राजभर ने कथित रूप से कहा कि “ABVP के गुंडों पर पुलिस ने सही लाठी बरसाई”। छात्रों ने इसे अपमानजनक और संवेदनहीन बताया।
मंगलवार रात लखनऊ में छात्रों ने मंत्री के आवास के बाहर धरना दिया, पुतला दहन किया, और गुस्से में नारेबाजी की। छात्र ओपी राजभर और सरकार के खिलाफ आवाज उठाते हुए अपने हक के लिए सड़कों पर उतर आए।
पुलिस ने रोकने की कोशिश की
प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया गया। जैसे ही छात्रों ने आवास के गेट पर चढ़कर नारेबाजी शुरू की, पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की। इस दौरान धक्का-मुक्की और हल्का बल प्रयोग हुआ। कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर ईको गार्डन ले जाया गया।
सत्ताधारी दलों के बीच वर्चस्व की लड़ाई
इस मामले में विपक्ष ने भी सक्रियता दिखाई। समाजवादी पार्टी की छात्र इकाई और NSUI ने ABVP का समर्थन करते हुए राजभवन के सामने प्रदर्शन किया। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसे सत्ताधारी दलों के बीच वर्चस्व की लड़ाई करार देते हुए घायल छात्रों के लिए मुआवजा और समुचित इलाज की मांग की। तो वही कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने भी पुलिस कार्रवाई की निंदा की और ट्रॉमा सेंटर में घायल छात्रों से मुलाकात की।
मुख्यमंत्री योगी का ने लिया एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीरता से लिया। कार्रवाई के तहत बाराबंकी के सीओ सिटी हर्षित चौहान को हटा दिया गया। इसके साथ ही कोतवाली के एसएचओ रामकिशन राणा और चौकी प्रभारी गजेन्द्र सिंह को लाइन हाजिर किया गया।और अयोध्या मंडलायुक्त और आईजी को जांच के निर्देश दिए गए। इसके अलावा विश्वविद्यालय की डिग्री की वैधता जांच का आदेश जारी किया गया।
क्या हैं ABVP और छात्रों की मांग
ABVP और छात्रों की मांग हैं कि मंत्री ओपी राजभर सार्वजनिक माफी मांगें और उत्तर प्रदेश सरकार उनसे तत्काल इस्तीफा ले। इसके अलावा विश्वविद्यालय प्रशासन और दोषियों पर कार्रवाई हो और घायल छात्रों को न्याय और उचित इलाज मिले।ABVP ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और तेज किया जाएगा।
बाराबंकी विश्वविद्यालय मामले ने छात्रों, राजनीतिक दलों और प्रशासन के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। लखनऊ में मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन और पुतला दहन ने इस मामले को राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बना दिया है। अब सभी की नजरें सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं।