पुणे स्थित नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की 148वीं कोर्स ने 30 मई को इतिहास रच दिया। यह NDA की पहली को-एड (सहशिक्षा) बैच है, जिसमें 17 महिला कैडेट्स ने न सिर्फ परेड में हिस्सा लिया, बल्कि अब वे भारतीय सेना की स्थायी कमीशन अफसर बनने की ओर कदम बढ़ा चुकी हैं।
‘अंतिम पग’ से नई राह की ओर
NDA के खड़कवासला कैंपस में आयोजित हुई पासिंग आउट परेड में कैडेट श्रीति दक्ष समेत सभी महिला कैडेट्स ने गर्व और अनुशासन के साथ भाग लिया।
“कोई फीता ढीला न रह जाए, हर बटन चमके,” श्रीति ने एक दिन पहले अपने यूनिफॉर्म को परफेक्ट बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
महिला कैडेट्स की नई उड़ान
- यह वही 17 महिला कैडेट्स हैं जिन्हें स्थायी कमीशन के लिए चुना गया है।
- पहले चार कोर्स में वे सिर्फ प्रतिभागी के तौर पर शामिल हुई थीं, लेकिन इस बार वे आगे बढ़कर अधिकारी बनने की राह पर हैं।
- 76 साल पुराने NDA में यह समानता और समावेशन की दिशा में ऐतिहासिक बदलाव है।
सेना में जेंडर बैलेंस की नई शुरुआत
148वीं कोर्स केवल एक ग्रेजुएटिंग क्लास नहीं है, यह उस बदलाव का प्रतीक है जिसमें भारतीय सेना ने महिलाओं की नेतृत्व क्षमता, साहस और प्रतिबद्धता को स्वीकारा है।
इसी उपलब्धि को लेकर अदाणी ग्रुप के प्रमुख गौतम अदाणी ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर पोस्ट किया और लिखा
संकल्प. सिद्धांत. संभावना.
प्रमाण। मिसाल। संभावना।
सभी पहली महिला एनडीए कैडेट्स को बधाई, क्योंकि वे आगे बढ़ने की राह पर हैं। वे न केवल सपने लेकर चल रही हैं, बल्कि देश का संकल्प भी लेकर चल रही हैं।
रास्ता नया है।
संदेश कालातीत है।
जय हिंद।