नई दिल्ली: NCERT ने ‘स्वदेशी’ पर विशेष कक्षा मॉड्यूल जारी किए हैं, जो बंगाल में 1905 के विभाजन विरोधी आंदोलन से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संदेश तक की यात्रा को उजागर करते हैं।

मॉड्यूल्स—‘Swadeshi: Vocal for Local’ (मिडिल स्टेज) और ‘Swadeshi: For a Self-Reliant India’ (सेकेंडरी स्टेज)—ऐतिहासिक आंदोलन को फिर से प्रस्तुत करते हैं, जिसमें भारतीयों को ब्रिटिश आयातित वस्तुओं का बहिष्कार करने और घरेलू विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया गया। साथ ही ये वर्तमान सरकारी योजनाओं जैसे ‘Make-in-India’, ‘Startup India’, ‘Digital India’ और ‘Vocal for Local’ से जोड़ते हैं।

मॉड्यूल में इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के भाषण को भी उद्धृत किया गया है, जिसमें उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को विकसित भारत की आधारशिला बताया। पाठ्यक्रम में प्रधानमंत्री की हालिया राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिक्षकों के साथ बातचीत को भी शामिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि वे शिक्षक को “एक होमवर्क” देना चाहते हैं—छात्रों के साथ मिलकर ‘स्वदेशी’ उत्पादों को बढ़ावा देना।

मॉड्यूल में यह भी बताया गया है कि 1905 में स्वदेशी आंदोलन ने औपनिवेशिक शोषण के खिलाफ शक्ति प्रदान की, और आज यह वैश्विक, तकनीकी दुनिया में आत्मनिर्भरता की राह दिखाता है। पाठ्यक्रम में सेमीकंडक्टर, नवीकरणीय ऊर्जा, कृषि और AI जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान-आधारित नवाचार और मजबूत घरेलू उद्योगों पर जोर दिया गया है।

NCERT स्पष्ट करता है कि आज का ‘स्वदेशी’ केवल ऐतिहासिक विरासत नहीं बल्कि वैश्विक अनिश्चितताओं में भारत को अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने का ढांचा है।

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