NATO का ऐलान, भारत के डिफेंस स्टॉक्स में उछाल

गुरुवार सुबह भारतीय शेयर बाजार में डिफेंस कंपनियों के शेयरों में जोरदार उछाल देखने को मिला। Sika Interplant Systems, Data Patterns, BEL और BEML जैसी कंपनियों के शेयर 5% तक चढ़े। इसकी वजह बनी NATO का ऐलान — वर्ष 2035 तक सदस्य देश अब अपने रक्षा खर्च को GDP का 5% तक बढ़ाएंगे।

वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भारत की एंट्री

NATO का यह फैसला ऐसे समय आया है जब भारत रक्षा उपकरणों के मामले में आयातक से निर्यातक बन रहा है। Make in India और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों से भारत ने न सिर्फ स्वदेशी क्षमताएं विकसित कीं, बल्कि अब वैश्विक मंच पर खुद को एक भरोसेमंद रक्षा आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित किया है।

Reliance Defence और Rheinmetall की डील बनी संकेत

Reliance Defence और जर्मन कंपनी Rheinmetall के बीच हुई डील इस संभावित बदलाव का संकेत देती है। आने वाले समय में भारतीय कंपनियां यूरोप की डिफेंस ज़रूरतों को पूरा करने में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं — खासकर सब-सिस्टम, गोला-बारूद, पुर्जे और जॉइंट वेंचर में।

यूरोप की सैन्य कमी, भारत की विनिर्माण क्षमता

रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोपीय देशों को अपनी रक्षा क्षमताओं की गंभीर कमी का अहसास हुआ है। अमेरिका पर निर्भरता घटाने और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में NATO का यह कदम उठाया गया है। लेकिन नई मैन्युफैक्चरिंग क्षमताएं खड़ी करने में समय लगेगा — ऐसे में भारत जैसे देश को एक भरोसेमंद पार्टनर के रूप में देखा जा रहा है।

छोटे और बड़े भारतीय निर्माता होंगे लाभार्थी

भारत की रक्षा उत्पादन क्षमता में अब सैकड़ों निजी और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां काम कर रही हैं — जो कंपोनेंट्स से लेकर बड़े हथियार सिस्टम तक बना रही हैं। यूरोप की नई फैक्ट्रियों को भी सप्लाई चेन के लिए भारतीय सप्लायर्स की ज़रूरत होगी।

डिफेंस सेक्टर में निवेशकों के लिए नया गोल्डन फेज?

निवेशकों की नजर अब डिफेंस सेक्टर पर टिकी है। आने वाले दशक में NATO की जरूरतें और भारत की उत्पादन क्षमता एक ऐसा मेल हो सकती है जो निवेशकों के लिए गोल्डन चांस बने।

प्रमुख डिफेंस कंपनियां जो फोकस में होंगी:

  • BEL (भारत इलेक्ट्रॉनिक्स)
  • BEML
  • Sika Interplant Systems
  • Data Patterns
  • Reliance Defence
  • Solar Industries
  • L&T Defence
  • Bharat Forge (Kalyani Group)

क्या कहता है ‘ड्रैगी रिपोर्ट’?

यूरोपियन यूनियन की प्रतिस्पर्धा पर पूर्व ECB प्रमुख मारियो ड्रैगी की रिपोर्ट में कहा गया है कि EU को अमेरिका पर रक्षा आयात के लिए निर्भरता कम करनी होगी। लेकिन जब तक खुद की क्षमता खड़ी नहीं होती, भारत जैसे सहयोगियों की अहम भूमिका होगी।

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