Mirai Movie Review: दक्षिण भारतीय सिनेमा में पौराणिक और माइथोलॉजिकल फिल्मों की हमेशा से अपनी खास पहचान रही है। इसी श्रेणी में अभिनेता तेजा सज्जा की नई फिल्म ‘मिराई’ दर्शकों के सामने आ चुकी है। पिछली फिल्म ‘हनु-मान’ में अपने प्रदर्शन से प्रशंसकों का दिल जीतने वाले तेजा इस बार भी निराश नहीं करते। छोटे बजट की VFX के बावजूद यह फिल्म अपनी कहानी, रोमांचक एक्शन और भावनात्मक दृश्यों के माध्यम से दर्शकों को बांधे रखती है।

फिल्म की कहानी
‘मिराई’ की कहानी सम्राट अशोक के समय से शुरू होती है, जब उन्होंने युद्ध को विनाश का मार्ग समझते हुए अपनी अद्भुत शक्तियों को नौ पवित्र ग्रंथों में संजो दिया। ये ग्रंथ पीढ़ियों से नौ अलग-अलग देशों के योद्धाओं की देखरेख में हैं। लेकिन अब महाबीर लामा (मनोज मांचू), जो काली शक्तियों को नियंत्रित करता है, इन ग्रंथों को हासिल करके अमर होकर खुद को भगवान का दर्जा देना चाहता है।

फिल्म का मुख्य किरदार वेद (तेजा सज्जा) एक चतुर युवक है, जिसे नियति ने इन ग्रंथों की रक्षा के लिए चुना है। वेद की मां रेया सरन (अंबिका) जन्म के समय उसे छोड़कर चली जाती हैं, और वेद अपनी जिंदगी की कहानी खुद लिखता है। कहानी भगवान राम और त्रेता युग में गढ़े गए दिव्य अस्त्रों, पौराणिक जड़ों और आधुनिक तकनीकी तत्वों के बीच संतुलन बनाए रखती है।

निर्देशक कार्तिक गट्टमनेनी की कहानी पुराणों की महाकथाओं को आज के दौर के साथ जोड़ती है। लगभग 60 करोड़ के बजट में बनी यह फिल्म पौराणिकता और साइंस फिक्शन का अनोखा मिश्रण पेश करती है। विशाल गिद्ध के दृश्य, तेज-तर्रार चेज़िंग सीन, सामुराई तलवारबाजी और कुंगफू-जूडो से प्रेरित एक्शन सीक्वेंस इसे दर्शनीय बनाते हैं।

फिल्म का पहला भाग दर्शकों को कहानी के बैकड्रॉप, मनोरंजन और रोमांचक फाइट सीक्वेंस के माध्यम से बांधता है। भगवान राम के गुरु अगस्त्य मुनि का आधुनिक अंदाज युवा दर्शकों को जोड़ता है। सम्राट अशोक, प्रभु श्रीराम और एक सीक्रेट सोसाइटी ‘मिराय’ की कहानी अंबिका और आदि गुरु की मदद से आगे बढ़ती है, जो फिल्म में पौराणिक और रहस्यमयी रोमांच को जोड़ती है।

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