लखनऊ में एक गंभीर घटना सामने आई है, जहां किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) की टीम पर अवैध कब्जा हटाने के दौरान हमला किया गया। यह घटना मेडिकल कॉलेज के नेत्र विभाग के पीछे की जमीन पर हुई, जहां असामाजिक और हिंसक तत्वों ने प्रशासनिक कार्य में बाधा डाली।
जमीन पर अवैध कब्जा और हमलावरों की बर्बरता
प्रशासन ने मेडिकल कॉलेज की जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन जैसे ही टीम वहां पहुंची, हमला हो गया। हमला करते समय डॉ. दुर्गेश द्विवेदी सहित अन्य मेडिकल कॉलेज के अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। डॉ. दुर्गेश द्विवेदी को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस की मौजूदगी में हुआ कब्जा हटाने का प्रयास
इस घटना के बावजूद प्रशासन ने पुलिस की मौजूदगी में अवैध कब्जा हटाने का प्रयास जारी रखा। पुलिस और मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों के साथ सख्त सुरक्षा इंतजाम किए गए थे, फिर भी कुछ असामाजिक तत्वों ने हिंसक तरीके से विरोध किया।
प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठने लगे हैं
यह घटना यह साबित करती है कि प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान सुरक्षा इंतजामों की कितनी अहमियत है। इस घटना ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या शासन और प्रशासन अवैध कब्जों से निपटने में सक्षम हैं, जब तक पूरी सुरक्षा व्यवस्था मजबूत नहीं होती।
समाज पर खतरा, प्रशासन की जिम्मेदारी बढ़ी
अब प्रशासन के सामने यह चुनौती है कि वह न केवल इस हमले में शामिल आरोपियों को सजा दिलाए, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए और भी प्रभावी कदम उठाए। खासकर उन क्षेत्रों में, जहां अवैध कब्जा करने वाले असामाजिक तत्वों का बोलबाला है।
आगे क्या कदम?
मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने इस हमले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है, और पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू कर दी है। सवाल यह उठता है कि क्या आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति होगी, या प्रशासन इस बार ठोस कदम उठाएगा।