Uttar Pradesh: प्रदेश में डाटा सेंटर के नाम पर 13500 करोड़ रुपये का फर्जी एमओयू करने वाली कंपनी व्यू नाउ का करार रद्द कर दिया गया है। कंपनी के कर्ताधर्ता सुखविंदर सिंह खरोर के खिलाफ कार्रवाई की गई, जिन्होंने 3600 करोड़ रुपये निवेशकों से बटोरे थे। सुखविंदर, जो इस घोटाले का मास्टरमाइंड था, विदेश भागने की कोशिश कर रहा था, लेकिन प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम ने उसे नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया।

एमओयू पर हस्ताक्षर

20 नवंबर 2022 को प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में, व्यू नाउ के एमडी और मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह ने प्रदेश के 75 जिलों में डाटा सेंटर स्थापित करने के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इन डाटा सेंटरों को भविष्य में 5G नेटवर्क, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और बिग डाटा तकनीकी से लैस करने की योजना थी। लेकिन यह महज एक जालसाजी निकला।

सुखविंदर ने निवेशकों को फर्जी सेल एंड लीज-बैक मॉडल के तहत झांसा दिया और उन्हें फंसा लिया। इस पूरी धोखाधड़ी के जरिए उसने अपने व्यक्तिगत लाभ के लिए करोड़ों रुपये जुटाए, जबकि निवेशक अपनी पूंजी खोते गए।

प्रदेश में निवेशकों का विश्वास भी टूटा

अब, जब पूरी सच्चाई सामने आई है, तो इस महाघोटाले की जांच तेज हो गई है और कंपनी का करार रद्द कर दिया गया है। गिरफ्तार सुखविंदर सिंह खरोर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह घोटाला ना केवल निवेशकों के साथ धोखा था, बल्कि प्रदेश में निवेशकों का विश्वास भी टूटा है।

क्या इस घोटाले से और भी बड़े नाम जुड़ सकते हैं? इस मामले में आगे और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं, जो समय के साथ सामने आएंगे। प्रवर्तन निदेशालय की इस कार्रवाई को लेकर लोगों में अब उम्मीदें और बढ़ गई हैं कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा।

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