ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने ट्वीट कर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ अराजकतत्व यूनियन में साजिश कर रहे हैं। उनके खिलाफ कुछ नेता और कर्मचारी मिलकर विभाग को बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं।
मंत्री ने कहा—”मैं झुकने वाला नहीं हूं। चार बार हड़ताल हो चुकी है, लेकिन मैं निजीकरण के नाम पर फैलाई जा रही अराजकता से डरने वाला नहीं।” उन्होंने स्पष्ट किया कि “मैं एक JE का ट्रांसफर तक नहीं कर सकता, तो निजीकरण का फैसला अकेले कैसे लूंगा?”
उन्होंने बताया कि निजीकरण का निर्णय न तो उनका व्यक्तिगत है और न ही एकतरफा। यह फैसला चीफ सेक्रेटरी की अध्यक्षता में बनी कमेटी, टास्क फोर्स और सरकार की अनुमति से हुआ है।
शर्मा ने सवाल उठाया—”सिर्फ ऊर्जा विभाग में ही क्यों बार-बार हड़ताल होती है?” उन्होंने यूनियन नेताओं पर निजी स्वार्थ और विदेश पर्यटन में लिप्त होने का आरोप भी लगाया।
उन्होंने 2010 का हवाला देते हुए कहा कि जब आगरा में टोरेंट को निजी हाथों में सौंपा गया, तब ये लोग चुप थे क्योंकि वे विदेश दौरे पर थे।