बीते दिन शुक्रवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की तारीखों का ऐलान किया है। ऐसे में 10 सालों बाद जम्मू-कश्मीर की आवाम को अपना विधायक चुनने का मौका मिलेगा। वहीं कोई चुनाव में कोई भी उम्मीदवार न मतदान करने से न चूके इसके लिए निर्वाचन आयोग खास व्यवस्था करने वाली है। इसके लिए आयोग चप्पे-चप्पे पर मतदान केंद्र स्थापित करेगी।

बनाया जाएगा तैरता हुए मतदान केंद्र

निर्वाचन आयोग द्वारा जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए डल झीले में तैरता हुआ मतदान केंद्र बनाने की व्यवस्था करने वाली है। इसके लिए आयोग ने फैसला भी कर लिया है। साथ ही आयोग ने LOC के पास भी मतदान केंद्र बनाएगी, जोकि पूरी तरह से अनुसूचित जनजाति के मतदाताओं के लिए होगा, क्योंकि इस इलाके की 100 फीसदी आबादी जनजाति समुदाय की है। दरअसल, मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार इन मतदान केंद्रों को बनाने का मकसद गैर पहुंच वाले इलाकों तक भी मतदान की प्रक्रिया पूरी कराई जाए। तैरते हुए मतदान केंद्रों पर चुनाव की सामाग्रियों को नाव और शिकारों की मदद से पहुंचाया जाता है। वहीं मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इन तीनों मतदान केंद्रों में से एक ‘खार मोहल्ला आबी करपोरा’ में सिर्फ तीन मतदाता हैं। इसके अलावा गुरेज विधानसभा इलाके के कोरागबल मतदान केंद्र LOC पर स्थित है।

100 फीसदी ST समुदाय के लिए बनाया गया मतदान केंद्र

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि सिमारी कुपवाड़ा जिले का मतदान केंद्र विशेष रूप से 100 फीसदी मतदाता अनुसूचित जनजाति के लिए है। यह जिले का पहला मतदान केंद्र है। वहीं उन्होंने कहा कि यहां पर लोकसभा चुनाव में 80.1 फीसदी मतदान हुआ था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि यहां रसद और सुरक्षा चुनौतिया ज्यादा रहती हैं। इसके बावजूद भी यहां मतदान उच्च रहता है, जोकि उत्साह बढ़ाने वाली है।

तीन चरणों में चुनाव होगा

गौरतलब है कि मुख्य चुनाव आयुक्त ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव को तीन चरणों में कराने का फैसला लिया है। मतदान की प्रक्रिया 18 सितंबर से शुरू होगी। 18 सितंबर को पहला चरण के अंतर्गत 24 सीट, 25 सितंबर को 26 और 1 अक्टूबर को तीसरे चरण में 40 सीटों पर चुनाव कराया जाएगा। वहीं चुनाव के नतीजों को 4 अक्टूबर को जारी किया जाएगा।

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