Prisoner Bam Kanwaria. सावन के महीने में भोलेबाबा की भक्ति अपने चरम पर है, और इसी भक्ति में डूबे बिहार के जहानाबाद निवासी शंभू कुमार ने श्रद्धा की अनोखी मिसाल पेश की है। शंभू कुमार ने खुद को हाथ, पैर, कमर और गर्दन तक लोहे की जंजीरों में जकड़ लिया है, और ‘कैदी बम’ बनकर बाबा बैद्यनाथ धाम, देवघर के लिए पदयात्रा शुरू कर दी है। उनकी यह यात्रा मुंगेर जिले के तारापुर कांवरिया पथ से गुजर रही है और जहां-जहां वे पहुंच रहे हैं, वहां आस्था और हैरानी का माहौल एकसाथ देखने को मिल रहा है।

बाबा भोलेनाथ के सपने को माना आज्ञा

शंभू कुमार ने बताया कि उन्हें एक सपने में बाबा भोलेनाथ के दर्शन हुए, जिसमें बाबा ने कहा कि उनसे कोई गुनाह हुआ है और उसका प्रायश्चित कैदी बनकर यात्रा करना होगा। इस सपने को आदेश मानते हुए उन्होंने इस वर्ष खुद को लोहे की जंजीरों से बांध लिया है और उसी अवस्था में देवघर के लिए पैदल यात्रा कर रहे हैं। उनकी यह अनोखी भक्ति पूरे कांवरिया पथ पर चर्चा का विषय बनी हुई है।

20 वर्षों से निरंतर कर रहे कांवड़ यात्रा

शंभू कुमार पिछले 20 वर्षों से नियमित रूप से कांवड़ यात्रा कर रहे हैं, लेकिन इस वर्ष उनकी यात्रा का अंदाज़ पूरे सावन में सबसे अनोखा और श्रद्धा से भरा हुआ है।

जहां-जहां से वे गुजर रहे हैं, राह चलते श्रद्धालु भावविभोर हो रहे हैं और गूंज रहा है एक ही नारा –
हर-हर महादेव! हर-हर शंभू!

श्रावणी मेले में भक्तों की भीड़, चार सोमवारी कराएगी विशेष दर्शन

इस वर्ष श्रावण मास में चार सोमवारी पड़ रही हैं, जिसके कारण भक्तों की भारी भीड़ देवघर में उमड़ रही है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पट सुबह 4 बजे खुलते हैं और श्रद्धालु 8 घंटे तक लाइन में खड़े रहकर जलाभिषेक कर रहे हैं। इस बार की कांवड़ यात्रा न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि समर्पण की गहराई का भी अद्वितीय उदाहरण बन गई है।

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