जस्टिस वर्मा मामले में बड़ा खुलासा हुआ है, बता दें दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ जांच समिति ने कुछ बड़े खुलासे किए हैं। इसके अलावा उन्हें तत्काल पद से हटाने तक की मांग कर डाली है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता में गठित जांच समिति ने जस्टिस वर्मा को सीधे तौर पर जांच में दोषी पाया है। समिति का कहना है कि स्टोर रूम में जले हुए नोटों से उनका सीधा कनेक्शन है इसलिए इन्हें तुरंत हटाया जाए।
क्या है पूरा मामला ?
15 मार्च 2025 को दिल्ली के एक स्टोर रूम से बड़ी मात्रा में जली हुई नोटें बरामद की गईं थीं। उस समय इस स्टोर रूम पर नियंत्रण जस्टिस वर्मा का था। मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच समिति का गठन किया गया था। मामले से जुड़े 55 गवाहों से जांच समिति ने पूछताछ की थी। कई डॉक्यूमेंट्स और CCTV फुटेज खंगाले गए थे।
कौन हैं जस्टिस यशवंत वर्मा ?
साल 2021 में जस्टिस यशवंत वर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट का जज नियुक्त किया गया। शुरुआत उन्होंने साल 1992 में की जब 8 अगस्त को उन्होंने अपना रजिस्ट्रेशन बतौर वकील कराया । 13 अक्तूबर 2014 को उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1 फरवरी 2016 को जस्टिस वर्मा स्थायी न्यायाधीश बने। 11 अक्तूबर 2021 को जस्टिस वर्मा दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे।