Uttar Pradesh: कभी-कभी इंसान टूटता नहीं, तोड़ दिया जाता है। और जब टूटने की ये वजह वो इंसान बने जिसे सबसे ज्यादा चाहा हो, तो ज़िंदगी का हर सिरा बिखर जाता है। झांसी जिले के रक्सा थाना क्षेत्र के गांव डेली से आई ये ख़बर, सिर्फ एक आत्महत्या की कहानी नहीं है, ये उस दर्द की दास्तान है जो एक पति ने अपनी पत्नी की बेवफाई के बाद चुपचाप सहा — और फिर हमेशा के लिए खामोश हो गया।

पत्नी की बेवफाई से टूट गया रामगोपाल

मृतक की पहचान रामगोपाल प्रजापति (उम्र लगभग 40 साल) के रूप में हुई है, जो पेशे से एक राजमिस्त्री था। बीते कुछ समय से रामगोपाल मानसिक रूप से बेहद परेशान था। उसकी पत्नी ने पहले घर बेचा, फिर बच्चों को साथ लेकर अपने प्रेमी के साथ फरार हो गई। इस घटना ने रामगोपाल की ज़िंदगी को पूरी तरह से तोड़ दिया।

रामगोपाल ने मौत से पहले अपनी बहन से एक आखिरी बात की —“आज मेरा आखिरी दिन है…” बहन कुछ समझ पाती, इससे पहले ही रामगोपाल का शव गांव के पास एक खदान में पड़ा मिला।

गांव में पसरा मातम

स्थानीय लोगों ने जब खदान में शव देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस मामले की हर एंगल से जांच कर रही है, हालांकि प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है।

परिजनों का कहना है कि रामगोपाल एक शांत, मेहनती और ईमानदार इंसान था। वो अपने परिवार से बहुत प्यार करता था, लेकिन पत्नी की बेवफाई ने उसकी आत्मा को तोड़ दिया।

एक गंभीर सामाजिक सवाल

आजकल पत्नी की बेवफाई के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो कई बार मानसिक तनाव और आत्महत्या जैसी घटनाओं की वजह बनते हैं। रामगोपाल की मौत केवल एक खबर नहीं है, ये उस इंसान की कहानी है जिसने परिवार को सबसे ऊपर रखा, लेकिन उसी परिवार ने उसे अकेला छोड़ दिया। ये हादसा एक बार फिर सोचने पर मजबूर करता है कि जब भरोसे को बेवफाई कुचल दे, तो इंसान कहां जाए? हम सबको मिलकर ऐसे मामलों को केवल खबर नहीं, एक चेतावनी की तरह लेना होगा, ताकि किसी और रामगोपाल की ज़िंदगी इस तरह खत्म न हो।

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