CBI की कार्रवाई में एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें पूर्व अपर आयुक्त अमित निगम पर शिकंजा कसा गया है। CBI की विशेष अदालत, गाजियाबाद ने एक अड-इंटरिम ऑर्डर के तहत 7.52 करोड़ रुपये की अवैध बेनामी संपत्तियां अटैच करने का आदेश दिया है।

कहां-कहां मिलीं संपत्तियां?

CBI के मुताबिक, अमित निगम और उनके परिवार के नाम से लखनऊ, गाजियाबाद, हरदोई, बाराबंकी और गोवा में फैली 14 अचल संपत्तियों का पता चला है। इन संपत्तियों की कुल अनुमानित कीमत 7 करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है।

भ्रष्टाचार की जड़ें 2008 से 2018 तक फैलीं

CBI की रिपोर्ट के अनुसार, अमित निगम ने वर्ष 2008 से 2018 के बीच दिल्ली, मुरादाबाद, लखनऊ सहित कई शहरों में उप आयुक्त, संयुक्त आयुक्त और अपर आयुक्त जैसे पदों पर रहते हुए भ्रष्ट तरीकों से करोड़ों की संपत्ति बनाई।

इन पर 22 सितंबर 2022 को भ्रष्टाचार के तहत FIR दर्ज की गई थी। जांच में सामने आया है कि निगम ने सरकारी पद का दुरुपयोग कर अवैध कमाई की और संपत्तियों को रिश्तेदारों व करीबी लोगों के नाम पर खरीदा।

CBI कोर्ट का सख्त रुख

CBI की विशेष अदालत, गाजियाबाद ने अमित निगम के खिलाफ गंभीर रुख अपनाते हुए संपत्तियों को अड-इंटरिम रूप से अटैच करने के निर्देश दिए हैं। सूत्रों के मुताबिक, CBI की जांच अभी भी जारी है, और आने वाले दिनों में काली कमाई की और परतें खुलने की संभावना जताई जा रही है।

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