Income Tax Bill 2025: 2025 का नया इनकम टैक्स बिल भारत के कर ढांचे में बड़े बदलाव लाने वाला है, जो न केवल टैक्स चोरों के लिए कड़ी सजा सुनिश्चित करेगा बल्कि ईमानदार करदाताओं को भी नई सुविधाएँ प्रदान करेगा। इस बिल में डिजिटल लेन-देन, क्रिप्टोकरेंसी, और गलत रिपोर्टिंग पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी। आइए, जानते हैं इस नए बिल में क्या-क्या बदलाव किए गए हैं…

1. नए टैक्स ईयर की परिभाषा (New Tax Year Concept)

इस बिल में ‘Tax Year’ की परिभाषा को वैश्विक कर प्रणाली के साथ जोड़ने के लिए नया किया गया है। इसका उद्देश्य भारतीय कर प्रणाली को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना है।

2. इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव (Changes in Income Tax Slabs)

व्यक्तिगत करदाताओं, हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और अन्य के लिए नए कर स्लैब बनाए गए हैं। इसके साथ ही, नए कर ढांचे को लागू किया गया है, जिससे करदाताओं को कुछ राहत मिलेगी।

3. कटौती और छूट में संशोधन (Revised Deductions & Exemptions)

स्वास्थ्य बीमा, गृह ऋण, इलेक्ट्रिक वाहन, और शिक्षा ऋण पर नई कटौतियाँ प्रदान की गई हैं। इसके साथ ही, स्टार्टअप्स और विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZs) में निवेश करने वाली कंपनियों को अतिरिक्त कर लाभ मिलेगा।

4. व्यवसाय कराधान और कॉर्पोरेट प्रावधान (Business Taxation & Corporate Provisions)

SEZs, विनिर्माण और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कर छूट दी गई है। छोटे व्यवसायों, पेशेवरों, और फ्रीलांसर्स के लिए नई पूर्वानुमानित कर योजना भी लागू की गई है।

5. पूंजीगत लाभ कर (Capital Gains Tax Reforms)

शेयर बाजार, अचल संपत्ति, और क्रिप्टोकरेंसी पर पूंजीगत लाभ कर की नई गणना पद्धति अपनाई गई है। दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर इंडेक्सेशन लाभ में संशोधन किया गया है।

6. डिजिटल और क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन पर नए नियम (Digital & Crypto Transactions)

क्रिप्टोकरेंसी पर नए कर नियम लागू किए गए हैं। अब क्रिप्टो एक्सचेंज और व्यक्तियों के लिए रिपोर्टिंग अनिवार्य होगी। डिजिटल संपत्तियों के गैर-प्रकटीकरण पर नए जुर्माने लगाए जाएंगे।

7. राजनीतिक चंदे और चुनावी ट्रस्टों पर कर नियम (Political Donations & Electoral Trusts)

राजनीतिक दलों और चुनावी ट्रस्टों को कर छूट देने के लिए नए प्रावधान किए गए हैं। इस उद्देश्य से पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नई कर नीतियाँ लागू की गई हैं।

8. कर चोरी और कर बचाव नीतियों पर सख्त नियम (Strengthened Anti-Tax Avoidance Measures)

कर बचाव नियमों को और सख्त किया गया है। इसके तहत बहुराष्ट्रीय कंपनियों की कर चोरी रोकने के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। इसके अलावा, विदेशी निवेश और शेल कंपनियों की पारदर्शिता बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

9. कर दाखिल करना और अनुपालन प्रक्रिया को सरल बनाना (Simplified Tax Filing & Compliance)

फेसलेस असेसमेंट सिस्टम को और विस्तारित किया गया है, और AI-आधारित ऑडिट सिस्टम लागू किया गया है। करदाताओं के लिए एकीकृत डिजिटल पोर्टल की शुरुआत की गई है, जो उनकी सुविधाओं के लिए एकमात्र पोर्टल होगा।

10. जुर्माना, दंड और अभियोजन (Penalties, Fines & Prosecutions)

कर चोरी, गलत रिपोर्टिंग, और फर्जी दावों पर कठोर दंड और सजा का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत बार-बार टैक्स उल्लंघन करने वालों के लिए 2 से 7 साल की जेल का प्रावधान है।

नए Income Tax Bill 2025 में कर चोरी पर कड़ा एक्शन….जुर्माना, दंड और नई नियमावली

नई आयकर विधेयक 2025 के अंतर्गत सरकार ने कर चोरी और गलत रिपोर्टिंग के खिलाफ कड़े प्रावधान किए हैं। नए बिल में टैक्स चोरी, फर्जी लेन-देन, और डिजिटल संपत्तियों से संबंधित कई सख्त दंड और जुर्माने लगाए गए हैं। सरकार ने टैक्स पालन को बढ़ावा देने के लिए भी कई इंसेंटिव्स की घोषणा की है। आइए जानते हैं, इस नए विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ…

1. बढ़े हुए जुर्माने और सख्त दंड (Increased Penalties and Strict Punishments)

(A) कम रिपोर्टिंग या गलत रिपोर्टिंग पर जुर्माना: अगर कोई व्यक्ति अपनी आय कम दिखाता है या गलत रिपोर्ट करता है, तो उसे 50% से 200% तक जुर्माना हो सकता है। जानबूझकर गलत जानकारी देने पर अधिकतम जुर्माना लगाया जाएगा।

(B) फर्जी लेन-देन: फर्जी इनवॉइस का उपयोग करने पर अतिरिक्त 30% से 100% कर चुकाना होगा। यदि इनवॉइस किसी अवैध लेन-देन से जुड़ा होता है, तो आपराधिक कार्रवाई भी की जा सकती है।

2. टैक्स चोरी और गबन पर सख्त प्रावधान (Stronger Measures Against Tax Evasion)

(A) जानबूझकर कर चोरी पर भारी जुर्माना: कर चोरी करने पर 100% से 300% तक अतिरिक्त कर देना होगा। ₹50 लाख से अधिक की टैक्स चोरी को आपराधिक मामला माना जाएगा।

(B) शेल कंपनियों और बोगस निवेश पर कड़ी कार्रवाई: शेल कंपनियों के माध्यम से कर चोरी करने पर निदेशकों को जुर्माना और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। अघोषित विदेशी संपत्तियों को छुपाने पर भी भारी दंड होगा।

3. कर रिटर्न न भरने या देर से दाखिल करने पर जुर्माना (Penalties for Late or Non-Filing of Returns)

यदि कोई व्यक्ति कर रिटर्न समय पर नहीं भरता है या विलंब से दाखिल करता है, तो उसे जुर्माना देना होगा। कंपनियों और व्यवसायों के लिए जुर्माना और सजा भी अधिक कड़ी होगी।

4. क्रिप्टो और डिजिटल संपत्तियों की अघोषित होल्डिंग पर सख्त कार्रवाई (Crypto & Digital Asset Violations)

क्रिप्टोकरेंसी और अन्य डिजिटल संपत्तियों की गलत रिपोर्टिंग पर 30% से अधिक का जुर्माना हो सकता है। अघोषित क्रिप्टो निवेश पकड़े जाने पर पूरी राशि जब्त की जा सकती है। क्रिप्टो लेन-देन की रिपोर्टिंग न करने पर 50% अतिरिक्त टैक्स भी लगाया जाएगा।

5. फर्जी दस्तावेज़ और झूठी जानकारी पर कानूनी कार्रवाई (Legal Actions for Fake Documents & Fraudulent Claims)

जाली दस्तावेज़ प्रदान करने पर ₹1 लाख का जुर्माना होगा। यदि कोई व्यक्ति झूठे दावे करता है, तो 100% टैक्स की वसूली के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।

6. बार-बार टैक्स उल्लंघन करने वालों पर कठोर दंड (Strict Punishment for Repeat Tax Offenders)

जो लोग बार-बार टैक्स चोरी करते हैं, उन्हें 2 से 7 साल तक की जेल की सजा हो सकती है। वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कंपनी के निदेशकों को व्यक्तिगत रूप से भी जिम्मेदार ठहराया जाएगा।

7. नकद लेन-देन की सीमा और दंड (Cash Transaction Limits & Penalties)

नकद लेन-देन की सीमा ₹2 लाख निर्धारित की गई है। इस सीमा से अधिक नकद लेन-देन करने पर 100% जुर्माना लगाया जाएगा। ₹10 लाख से अधिक नकद जमा करने पर रिपोर्टिंग अनिवार्य होगी और सूचना न देने पर ₹50,000 का जुर्माना होगा।

8. ऑडिट और जांच की नई शक्तियां (Enhanced Audit & Investigation Powers)

(A) फेसलेस जांच (Faceless Investigation & AI Audits):
कर विभाग अब AI और मशीन लर्निंग का उपयोग करके फर्जी लेन-देन की पहचान करेगा। फेसलेस असेसमेंट के तहत ऑडिट प्रक्रिया स्वचालित की जाएगी।

(B) अधिक शक्तियां आयकर अधिकारियों को (More Powers to Income Tax Authorities):
कर अधिकारियों को रियल-टाइम डेटा मॉनिटरिंग की अनुमति दी जाएगी। विदेशी खातों और ऑफशोर कंपनियों की कड़ी निगरानी होगी।

9. हाई-प्रोफाइल मामलों के लिए विशेष अदालतें (Special Tax Courts for High-Profile Cases)

₹5 करोड़ से अधिक कर चोरी के मामलों को तेजी से निपटाने के लिए विशेष कर अदालतों का गठन किया जाएगा। हाई-प्रोफाइल मामलों के लिए अलग ट्रायल सिस्टम होगा।

10. कर अनुपालन को बढ़ावा देने के लिए छूट और पुरस्कार (Incentives for Tax Compliance)

समय पर टैक्स भरने वालों को प्रोत्साहन (Incentives for Timely Tax Filing) दिया जाएगा। पारदर्शी कर प्रणाली के लिए करदाताओं को डिजिटल रिवार्ड्स मिलेंगे। यदि कोई व्यक्ति टैक्स चोरी की रिपोर्ट करता है, तो उसे नकद पुरस्कार भी मिल सकता है।

टैक्स फाइलिंग और कराधान प्रक्रिया में सहूलियत

बता दें कि, नए Income Tax Bill 2025 में टैक्स चोरी पर सख्त नियम और क्रिप्टो लेन-देन पर नए प्रावधान किए गए हैं। यह बिल कर अनुपालन को बढ़ावा देने, सख्त जुर्माना और दंड लागू करने और डिजिटल ट्रांजेक्शन्स की निगरानी को सख्त बनाने पर केंद्रित है। इसमें AI आधारित फेसलेस असेसमेंट और विशेष कर अदालतों की व्यवस्था भी की गई है, जिससे पूरे टैक्स सिस्टम को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाया जा सकेगा। यह नया बिल टैक्स प्रणाली को 21वीं सदी के अनुरूप बनाने का प्रयास है, जिससे सभी को टैक्स फाइलिंग और कराधान प्रक्रिया में सहूलियत मिले।

Ram Mandir के मुख्य पुजारी आचार्य Satyendra Das का निधन | रामनगरी में शोक की लहर || Ayodhya ||

शेयर करना
Exit mobile version