नई दिल्ली: हमारे चेहरे पर समय-समय पर कई तरह के दाग-धब्बे दिख जाते हैं। इनमें से अधिकांश सामान्य होते हैं और समय के साथ खत्म हो जाते हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं जो लंबे समय तक बने रहते हैं और चेहरे की सुंदरता पर असर डालते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर आपके चेहरे पर तेजी से बिंदी जैसे काले धब्बे दिखाई देने लगे हैं, तो यह हाइपरपिगमेंटेशन का संकेत हो सकता है।
काले धब्बों के कारण:
काले धब्बे यानी हाइपरपिगमेंटेशन में चेहरे का एक हिस्सा बाकी हिस्सों की तुलना में गहरा दिखाई देता है। इसका मुख्य कारण मेलानिन का अधिक बनना होता है, जो त्वचा को रंग देता है। ये धब्बे हल्के भूरे से लेकर काले रंग तक हो सकते हैं और आकार में भी भिन्न होते हैं।
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके प्रमुख कारण हैं:
- सूरज की रोशनी: त्वचा पर सबसे बड़ा प्रभाव डालने वाला कारण।
- हार्मोनल बदलाव: शरीर में हार्मोनल परिवर्तन के कारण भी चेहरे पर धब्बे बढ़ सकते हैं।
- दवाओं के साइड इफेक्ट: कुछ दवाओं से भी स्किन पर डार्क स्पॉट आ सकते हैं।
- अन्य कारण: जलने, जानवर के काटने या किसी क्रीम/स्किन प्रोडक्ट के रिएक्शन के कारण भी ये धब्बे पड़ सकते हैं।
ये धब्बे शरीर के किसी भी हिस्से पर हो सकते हैं, लेकिन अधिकतर चेहरे, बाहों और उन हिस्सों पर दिखते हैं जहां सूर्य की रोशनी अधिक पड़ती है।
हाइपरपिगमेंटेशन से जुड़ी संभावित समस्याएं:
हालांकि ये धब्बे आम तौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होते, लेकिन इनके जरिए तनाव और हार्मोनल बदलाव जैसी स्थितियों का संकेत मिल सकता है। तनाव शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन को बढ़ाता है, जो हाइपरपिगमेंटेशन को और तेज कर सकता है।
डार्क स्पॉट्स के उपचार में समय लगता है। हल्के धब्बों के लिए 6 से 12 महीने और अगर ये अधिक गहरे हैं तो कई सालों का समय भी लग सकता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि सही देखभाल और सुरक्षा उपाय अपनाने से इन धब्बों को कम किया जा सकता है।