Uttrakhand: हरिद्वार के प्रसिद्ध मंशा देवी मंदिर में रविवार सुबह उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के बीच अचानक भगदड़ मच गई। अब तक 6 श्रद्धालुओं की मौत की आशंका जताई जा रही है, हालांकि आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
संभावित कारण: बिजली का तार टूटा, मचा करंट और भगदड़
प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, मंदिर के पैदल मार्ग पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा थी। इसी दौरान एक बिजली का तार टूटकर गिर गया, जिससे वहां करंट फैलने की आशंका जताई जा रही है। इसी डर से लोगों में भगदड़ मच गई और दर्जनों श्रद्धालु दब गए या गिरकर घायल हो गए।
प्रशासन और चश्मदीदों की जानकारी
दो शव मौके से बरामद किए गए हैं। 6 से 8 लोगों की मौत की खबर, लेकिन अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं। 20 से ज्यादा घायल, जिनका इलाज पास के अस्पतालों में चल रहा है। हादसे के समय प्रशासन की ओर से पर्याप्त भीड़ नियंत्रण नहीं था, जो कि स्थिति को और बिगाड़ गया।
राहत व बचाव कार्य जारी
घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन, पुलिस और रेस्क्यू टीमें मौके पर पहुंचीं। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया। मंदिर मार्ग को खाली कराया गया और श्रद्धालुओं की भीड़ को रोका गया। CCTV फुटेज खंगाले जा रहे हैं और बिजली लाइन की स्थिति की जांच की जा रही है।
हरिद्वार जिला प्रशासन ने कहा है कि जांच के आदेश दे दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया, “भीड़ नियंत्रण में चूक हुई है, और बिजली के तार की स्थिति को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। घटना दुर्भाग्यपूर्ण है और इसकी विस्तृत जांच होगी।”
सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
हर साल लाखों श्रद्धालु सावन के दौरान मंशा देवी मंदिर आते हैं। ऐसे में यह हादसा सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण इंतज़ामों पर सवाल खड़े करता है। मंदिर परिसर और पैदल मार्ग पर बिजली वायरिंग और सुरक्षा की स्थिति को लेकर पहले भी शिकायतें मिलती रही हैं।
हरिद्वार के मंशा देवी मंदिर में हुआ यह हादसा श्रद्धालुओं की आस्था के साथ प्रशासनिक तैयारियों की भी परीक्षा बन गया है। सरकार और प्रशासन को चाहिए कि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए ठोस इंतजाम और नियमित निगरानी सुनिश्चित की जाए।