GST Reform 2025. जीएसटी काउंसिल की दो दिवसीय बैठक 3 सितंबर से शुरू हो चुकी है। यह बैठक तय समय से पहले बुलाई गई है और इसमें जीएसटी स्लैब को सरल बनाने पर अहम फैसले लिए जाने की संभावना है।
वर्तमान में चार स्लैब हैं, लेकिन काउंसिल की योजना है:
- लगभग 99% वस्तुएं, जो 12% स्लैब में हैं, उन्हें 5% स्लैब में लाना।
- लगभग 90% सामान, जो 28% स्लैब में आते हैं, उन्हें 18% स्लैब में लाना।
सस्ता होने वाली चीजें
12% से 5% स्लैब में आने वाले सामान:
- पैकेज्ड फूड प्रोडक्ट्स (मिठाई, नमकीन, टोमैटो सॉस, पापड़)
- रेडीमेड गारमेंट्स और फुटवियर
- घरेलू उपयोग की वस्तुएँ (वॉशिंग पाउडर, ब्रश, पंखा)
- फर्नीचर, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स और इलेक्ट्रिकल एक्सेसरीज़
28% से 18% स्लैब में आने वाले सामान:
- घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी, फ्रिज, एसी, वॉशिंग मशीन)
- टू-व्हीलर और मिड सेगमेंट कारें
- कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स और परफ्यूम
- पेंट्स, सीमेंट और कंस्ट्रक्शन मटेरियल
महंगा होने वाली चीजें
रिपोर्ट्स के अनुसार कुछ लक्जरी और हानिकारक सामान, जैसे शराब और कुछ लग्जरी प्रोडक्ट्स पर टैक्स बढ़ सकता है।
उपभोक्ता और उद्योग पर असर
स्लैब बदलाव से उपभोक्ताओं को सस्ते दाम मिलेंगे और उद्योगों को बिक्री बढ़ाने का मौका। घरेलू उद्योगों को बढ़ावा मिलने से मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार पर सकारात्मक असर पड़ेगा। यही कारण है कि वैश्विक स्तर पर भी कई देशों ने घरेलू उद्योगों को बचाने के लिए ऐसे कदम उठाए हैं।