नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि हाल ही में लागू हुए नेक्स्ट-जेनरेशन GST सुधार पर काम डेढ़ साल पहले शुरू हो चुका था और इसका किसी बाहरी कारण से कोई लेना-देना नहीं है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या इन सुधारों का सीधा संबंध अमेरिका के ट्रम्प प्रशासन द्वारा लगाए गए टैरिफ से है, तो वैष्णव ने जवाब दिया—“GST सुधार की तैयारी US चुनावों से पहले ही शुरू हो गई थी। यह पीएम मोदी के स्पष्ट लक्ष्य Reform, Perform, Transform का हिस्सा है। यह सुधार देश की एक नई परिवर्तन यात्रा की शुरुआत है।”
वैष्णव ने कहा, “इस डेढ़ साल लंबे अभ्यास को अब अंतिम रूप दे दिया गया है। हर कदम पर पीएम मोदी ने मार्गदर्शन किया। बाहरी कारकों की इसमें कोई भूमिका नहीं रही।”
उन्होंने पुराने समय का जिक्र करते हुए कहा कि GST लागू होने से पहले राज्य सीमाओं पर ट्रकों की लंबी कतारें लगती थीं। “अब ई-वे बिल सेकंडों में बन जाते हैं, प्रक्रिया सहज हो गई है।”
मंत्री ने कहा कि 2025-26 बजट में दी गई आयकर छूट और GST दरों का सरलीकरण मिलकर भारत की अर्थव्यवस्था को और ऊंचाई देंगे।
“2014 से पहले टैक्सेशन सिस्टम बहुत जटिल था। कई स्तरों पर टैक्स लगते थे। GST ने इसे सरल बनाया। अब दरों का यह सरलीकरण आम लोगों का जीवन आसान करेगा,” उन्होंने कहा।
उन्होंने आगे बताया कि रोजमर्रा की सभी वस्तुओं पर GST कम किया गया है। “पीएम मोदी ने लाल किले की प्राचीर से जो वादा किया था, वह अब पूरा हो गया है। नवरात्रि के पहले दिन, 22 सितंबर से नए GST रेट लागू होंगे,” वैष्णव ने जोड़ा।
अर्थव्यवस्था पर असर बताते हुए उन्होंने कहा, “हमारा GDP फिलहाल ₹3.30 लाख करोड़ है, जिसमें से ₹2.02 लाख करोड़ खपत है। अगर खपत 10% भी बढ़े तो यह ₹20 लाख करोड़ की अतिरिक्त खपत होगी, जो GDP में सीधा योगदान देगी।”
सरकार ने इस सुधार को “नेक्स्ट-जेनरेशन GST रेशनलाइजेशन” कहा है। इसमें कई क्षेत्रों में कर दरों में बड़ी कटौती की गई है, जिसे सरकार ने देश के लिए दीवाली गिफ्ट बताया है।