भारतीय बैंकों के शीर्ष अधिकारियों का मानना है कि GST परिषद के हालिया निर्णय से उपभोक्ता मांग और क्रेडिट वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी। यह निर्णय 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी होगा।

SBI के चेयरमैन, सीएस सेठी ने इस कदम को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा, “यह निर्णय उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगा और उनके खर्च की क्षमता को बढ़ाएगा, जिससे मांग और क्रेडिट वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।”

GST परिषद ने कई सामान्य उपयोग की वस्तुओं पर कर दरों में कमी की है, जैसे कि बालों का तेल, कॉर्न फ्लेक्स, व्यक्तिगत स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियां, आदि। इसके अलावा, GST संरचना को सरल बनाकर दो-स्तरीय 5% और 18% के स्लैब में परिवर्तित किया गया है, जबकि “सिन” वस्तुओं पर 40% कर लगाया गया है।

एचडीएफसी बैंक के प्रमुख, शशिधर जगदीशन ने कहा, “यह निर्णय उपभोक्ताओं की खर्च की क्षमता को बढ़ाएगा और क्रेडिट मांग में वृद्धि करेगा, जिससे बैंकिंग क्षेत्र को लाभ होगा।”

ICICI बैंक के सीईओ, एस. मणि ने इस कदम को उपभोक्ता मांग में स्थायी वृद्धि का संकेत बताया और कहा, “यह निर्णय उपभोक्ताओं को राहत प्रदान करेगा और उनके खर्च की क्षमता को बढ़ाएगा, जिससे मांग और क्रेडिट वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।”

बैंकरों का मानना है कि इस निर्णय से खुदरा क्षेत्र, कृषि, और बीमा जैसे क्षेत्रों में मांग में वृद्धि होगी, जिससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी। इसके अलावा, व्यवसायों को कर अनुपालन में सरलता और प्रतिस्पर्धात्मकता में सुधार मिलेगा।

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